पगड़ी वाला सिख, रंगीन दाढ़ी वाला मौलवी और क्रॉस वाला पादरी… राहुल गाँधी की ‘भाईचारे’ वाली तस्वीर, लोगों ने पूछा – इसमें हिन्दू क्यों गायब है?

राहुल गाँधी की तस्वीर पर लोग भड़के (तस्वीर साभार: कॉन्ग्रेस का ट्विटर)

कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की एक नई तस्वीर सामने आई है। तस्वीर को कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है। तस्वीर शेयर होते ही लोग कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी पर जमकर निशाना साध रहे हैं।

दरअसल, कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जो तस्वीर शेयर की गई है, उसमें राहुल के साथ चार लोग हैं। सभी राहुल गाँधी का हाथ थामे हुए हैं। तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया है, “बढ़े कदम हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, मिलकर भाईचारे की अलख जगाई।”

तस्वीर में जिन चार लोगों की तस्वीर शेयर की गई है, इनमें से तीन के धर्म की पहचान उनके वेशभूषा के आधार पर की जा सकती है। राहुल के दाहिनी तरफ पगड़ी पहने सरदार जी दिख रहे हैं। इससे उनके सिख होने का पता चलता है। बाईं ओर टोपी और लंबी रंगीन दाढ़ी में मौलाना के मुस्लिम होने की पहचान आसानी से हो रही है। उनके बगल में जो व्यक्ति हैं वो पादरी की वेशभूषा में हैं जो ईसाई संप्रदाय का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं। तस्वीर में यदि किसी धर्म की अनुपस्थिती महसूस हो रही है तो वह है सनातन (हिंदू) धर्म।

तस्‍वीर शेयर होने के बाद से ही लोगों ने पूछना शुरू कर दिया है कि तस्वीर में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्‍व कौन कर रहा है? लोग पूछ रहे हैं कि अगर सभी धर्मों और पंथों के लोगों को उनकी पारंपरिक वेशभूषा में दिखाया गया है तो फिर हिंदुओं के मामले में ऐसा क्‍यों नहीं किया गया है।

ट्विटर पर प्रदीप नाम के यूजर ने लिखा, “आपकी इस तस्वीर में मैं हिंदू खोज रहा हूँ। मुझे ईसाई, मुस्लिम, सिख, पश्चिमी परिधान में बुजुर्ग और राहुल गाँधी दिखे लेकिन हिंदू नहीं दिखे। आपके दिमाग में भी हिंदुओं का यही स्थान है। आपके शासन में इस देश में हिंदू ऐसे ही गुम हो जाएँगे।”

बिजु नाम के एक दूसरे यूजर ने लिखा कि ईसाई, मुस्लिम और सिख ऐसे कपड़े पहने हुए हैं जो उन्हें पसंद है। लेकिन एक हिंदू ने यदि हिंदू की तरह कपड़े पहन लिए तो लोग उन्हें संघी समझने लगेंगे। परिणामस्वरूप एक हिंदू को धर्म निरपेक्षता का खामियाजा भुगतना पड़ता है और दूसरे धर्म के लोग जो चाहते हैं वही करते हैं।

ज्यादातर लोग तो सीधे सवाल कर रहे हैं कि तस्वीर में हिंदू कहाँ है?

नारायण सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि बाकी के तीन धर्मों के लोग तो पहचान में आ रहे हैं लेकिन हिंदू कौन है? हिंदू न तो अपने पारंपरिक वेशभूषा में है और न ही तिलक में।

मीना राधे नाम की यूजर ने लिखा है कि यह वही लोग हैं जिन्होंने हिंदुत्ववादियों को आतंकी घोषित कर दिया। इसमें हिंदू कहाँ है? हिंदुओं की पहचान कोटपैंट नहीं भगवा है। कॉन्ग्रेस ने हिंदुओं के साथ जितना दगा किया है उतना किसी ने नहीं किया।

यह पहली बार नहीं है जब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान हिंदुओं को ठेस पहुँचाने की कोशिश हुई है। इसी यात्रा के दौरान राहुल गाय की हत्‍या करने वाले रिजिल मकुट्टी के साथ देखे गए थे। आपको बता दें बीफ प्रतिबंध के विरोध में मकुट्टी ने सड़क पर एक बछड़े को काटा था। इसके पहले तमिल पादरी जॉर्ज पोन्‍नैया के साथ राहुल की मुलाकात भी विवाद में रही थी। दोनों की मुलाकात का एक वीडियो क्लिप वायरल हो गया था। इसमें पादरी यह कहते हुए सुना गया था कि यीशु ही असली भगवान हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया