जल छिड़क कर टॉक्सिक फोम से छुटकारा, केजरीवाल सरकार ने यमुना सफाई के 2000 करोड़ पर फेरा पानी: छठ पर लोगों ने घेरा

जल छिड़क कर टॉक्सिक फोम से छुटकारा, केजरीवाल सरकार ने यमुना सफाई के 2000 करोड़ पर फेरा पानी: छठ पर लोगों ने घेरा

देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का पानी गंदे नालों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल के कारण पूरी तरह से जहरीला हो गया है। छठ के मौके पर श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अब दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी जहरीले झाग से छुटकारा पाने के लिए यमुना नदी पर पानी छिड़क रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग केजरीवाल सरकार के मजे ले रहे हैं।

इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी अशोक कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि वे शाम तक झाग से छुटकारा पाने के लिए नदी के किनारे यमुना के जल में पानी छिड़केंगे। यह छठ पूजा के लिए जहरीले झाग को खत्म करने तैयारी का हिस्सा है जहाँ भक्त सूर्य से प्रार्थना करते हुए पानी में डुबकी लगाते हैं।

हालाँकि, यह समझ नहीं आ रहा है कि पानी छिड़कने के बाद नदी कैसे साफ की जा सकेगी। लेकिन, अब नेटिजन्स को ये बात परेशान कर रही है कि जब इतने सरल तरीके से जहरीले झाग से निपटा जा सकता था तो अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने नदी की सफाई के लिए 2000 करोड़ रुपए क्यों आवंटित किए थे।

सोशल मीडिया पर तार्किक लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जहरीले झाग को छितरा देने भर से कैसे यमुना के पानी का जहरीलापन कम होगा। लेकिन, इसमें किसी प्रकार का आतिशयोक्ति नहीं होना चाहिए, क्योंकि जब आम आदमी पार्टी की बात आती है, तो ज्यादातर समय तर्क और बेसिक सामान्य ज्ञान को झुठला दिया जाता है।

गजेंद्र नाम के यूजर ने लिखा कि गैर-मानसून महीनों में अगर इस तरह से यमुना में पानी का छिड़काव करने से नदी का जल स्तर बढ़ सकता है और शायद राष्ट्रीय राजधानी में भी जल संकट का समाधान हो सकता है। इतने अच्छे आइडिया का मजाक उड़ाने वाले लोगों को शर्म आनी चाहिए।

दरअसल, यमुना के पानी के जहरीलेपन को खत्म करने के केजरीवाल सरकार के इस आइडिया से हर कोई आश्चर्यचकित है। किसी ने भी नहीं सोचा था कि AAP सरकार यमुना के जहरीले झाग को साफ करने के लिए आगे आएगी।

वैसे भी प्राकृतिक नियमों के विपरीत यमुना नदी को पानी उपलब्ध कराने के दिल्ली के सीएम की महानता की सराहना नेटिजन्स ने की। दिल्ली सरकार के इस आश्चर्यचकित कर देने वाले कारनामे पर आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने भी दिल्ली के हालात का वर्णन करते हुए एक कविता लिख दी।

हालाँकि, अगर आप दिल्ली सरकार के इस साइंटफिक सॉल्यूशन से अचंभित हो रहे हैं तो इसकी कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि दिल्ली सरकार का विज्ञान से बहुत गहरा रिश्ता है। आखिरकार, वे अपनी सरकार में बहुत पढ़े-लिखे लोगों के होने का दावा जो करते हैं। इसी तरह जनवरी 2021 में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक वैज्ञानिकता भरा तर्क देते हुए कहा था कि दिल्ली में पानी की आपूर्ति करने वाले पाइपों को साफ करना असंभव था।

उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक पत्रकार सिसोदिया से खराब गुणवत्ता वाले पानी के बारे में पूछता है। इस पर सिसोदिया ने समझाया कि जब पानी की आपूर्ति की जा रही है और मोटर चालू रहेगा तो पानी साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा, “भौतिकी बताती है कि जब आप पानी की आपूर्ति बंद होने पर मोटर चालू करते हैं तो वो पाइप के अंदर की मिट्टी और अन्य गंदगी को अपने साथ ले जाएगा।” उन्होंने दिल्लीवासियों को सलाह दी कि पानी की सप्लाई के लिए जो समय निर्धारित किया गया है अगर वो उसमें मोटर को चालू करेंगे तो उन्हें साफ पानी मिलेगा।

उस दौरान भी किसी ने ये तनिक भी नहीं सोचा था कि #ScientistSisodia इतना अच्छा आइडिया भी सुझा सकते हैं।

Nirwa Mehta: Politically incorrect. Author, Flawed But Fabulous.