‘बेच दो, बेच दो, सब बेच दो’: बजट के साथ ही लिबरलों का पेट दर्द शुरू

बजट 2021 पर लिबरलों का रिएक्शन

बजट 2021-22 का ऐलान होते ही लिबरलों की उछल कूद शुरू हो गई। संसद में वित्त मंत्री के पहुँचने से लेकर उनके बजट भाषण तक यह गिरोह ट्विटर पर सक्रिय रहा। अपने-अपने मतलब का बिंदु खोज कर प्रोपेगेंडा फैलाने में जुट गया।

वकील प्रशांत भूषण ने लिखा, “वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि हमारे पैसों का 35000 करोड़ रुपया प्राइवेट वैक्सीन कंपनियों में उन अप्रमाणित वैक्सीनों पर उस समय लगाया जाएगा जब भारत में कोरोना के कारण लोग मर रहे हैं। मगर यह वो पैसा उन गरीब प्रवासियों को नहीं दे सकते जिन्होंने अपनी नौकरियाँ खो दी हैं या फिर उन्हें जो अपनी फसलों के लिए MSP माँग रहे हैं। वाह वित्त मंत्री साहिबा”

https://twitter.com/pbhushan1/status/1356126004528304128?ref_src=twsrc%5Etfw

वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह खुद कुछ नहीं लिख पाईं, मगर जो कोई भी बजट 2021 में कमियाँ छाँट रहा है, उसको रीट्वीट कर वह लिबरल गिरोह के बीच नंबर बढ़ा रही हैं।

अजीत खुराना लिखते हैं, “75 साल से अधिक उम्र के लोगों के बारे में वित्त मंत्री ने जो कहा है, उसके बहुत से लोगों ने गलत अर्थ लगा लिए हैं। इन्हें आयकर से छूट नहीं दी है। कर रिटर्न दाखिल करने से छूट है।” रोहिणी सिंह ने इसे भी रीट्वीट किया है।

अंशुमन तिवारी लिखते हैं, “इस तरह से सरकारी संपत्ति‍यों की बिक्री पहली बार भारत में शुरू होगी। संसाधनों पर बजट का दबाव दिख रहा है। DIPAM ने पहले से सूची बना रखी है और बिकने वाली सरकारी संपत्ति‍यों के लिए मंत्रालयों से सहमति ली जा चुकी है। यदि इस साल बिक्री हुई तो घाटा कम रखने में मदद मिलेगी।”

https://twitter.com/ajitanjum/status/1356122729573883904?ref_src=twsrc%5Etfw

अजीत अंजुम इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहते हैं, “बेच दो, बेच दो, सब बेच दो।”

https://twitter.com/anshuman1tiwari/status/1356121322783453184?ref_src=twsrc%5Etfw

शशि थरूर ने बजट पर तंज कसते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार मुझे उस गैरेज मैकेनिक की याद दिलाती हैं जो अपने क्लाइंट से कहता है- मैं आपकी ब्रेक ठीक नहीं कर सकता था इसलिए मैंने हॉर्न को तेज कर दिया है।’”

https://twitter.com/ShashiTharoor/status/1356142111976898561?ref_src=twsrc%5Etfw

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया