मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं को प्रवेश की अनुमति न होने की चर्चा के बीच द वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने 29 अप्रैल, 2022 (शुक्रवार) को एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने कुछ तस्वीरों और विजुअल के माध्यम से ये बताना चाहा कि मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं को प्रवेश और नमाज़ की अनुमति है। जामा मस्जिद की वीडियो को ट्वीट करते हुए उन्होंने RSS पर भी कटाक्ष किया।
वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “क्या संघी बनने के लिए बुद्धि स्तर कम होना चाहिए ? हाँ, मुस्लिम महिलाएँ मस्जिद के अंदर जा कर रोजा-इफ्तारी कर सकती हैं और नमाज़ भी पढ़ सकती हैं। मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के लिए कोई पाबंदी नहीं है। इस वीडियो में दिल्ली की जामा मस्जिद में महिलाएँ नमाज़ से पहले वज़ू कर रही हैं।”
आरफा के इस ट्वीट पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा है। @yogendrapbh नाम के हैंडल से योगेंद्र ने लिखा, “मोहतरमा, आप सच्चाई को छुपा नही सकती हैं। आपके धर्म में महिलाओं का क्या ओहदा है, उनको क्या समझा जाता है, यह दुनिया से छिपा नहीं है। बेहतर होगा आप अपने समाज की महिलाओं के लिए आवाज उठाइए और हिन्दू महिलाओं की तरह उनको भी पुरुषों के समान अधिकार दिलाएँ।”
नेटीजेंस ने कराया सच का सामना
आरफा के इस ट्वीट पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा है। तारिक नाम के एक यूजर ने मस्जिद में महिलाओं को आना गलत बताते हुए कैमरे के आगे फोटग्राफी करवाते हुए बेहयाई फैलाने का आरोप लगा डाला।
दलीप पांचोली ने एक मौलाना का वीडियो बयान ट्वीट किया, जिसमें वो मस्जिद में महिलाओं के आने को गलत बता रहा है।
मिस्टर सिन्हा ने मुबाशिर के ट्वीट के स्क्रीन शॉट से जवाब दिया, जिसमें वो पढ़ी-लिखी महिलाओं को दीन की तालीम न होने और गैर मज़हब वालों के आगे वज़ू करने का आरोप लगा रहे हैं।
अफ़ज़ल अफाक ने तो वीडियो में दिख रहे वज़ू के तौर-तरीके पर ही सवाल उठा दिए।
सैयद हसन ने इन बातों को बेवकूफी बता दिया।