मुस्लिमों को पीट रहे मुस्लिम, वीडियो शेयर कर बता रहे मुस्लिमों पर अत्याचार कर रहे हिंदू: भारत विरोधी प्रोपेगेंडा का सच

मुस्लिमों के बीच मारपीट को हिंदुओं का अत्याचार बताया जा रहा

असम में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया में भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चल रहा है। कई देशों के मुस्लिम यूजर्स #BoycottIndianProducts हैशटैग के साथ भारत के बहिष्कार की बात कर रहे हैं। ऐसा करने वाले ज्यादातर खाड़ी देशों और पाकिस्तान से हैं। ये यूजर्स तस्वीरें और वीडियो शेयर कर यह नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में मुस्लिमों को हिंदू प्रताड़ित कर रहे हैं। इसमें वे वीडियो भी शेयर किए जा रहे हैं जिनका कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। यहाँ तक कि पीड़ित और आरोपित दोनों मुस्लिम ही हैं।

https://twitter.com/AliHusn82390249/status/1442758703636172804?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/mbahareth/status/1442578705293971463?ref_src=twsrc%5Etfw

मसलन जिया खान नाम की यूजर द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया यह वीडियो देख सकते हैं। इसमें एक व्यक्ति को दूसरे लोग लाठी से पीटते नजर आ रहे हैं। जिया ने यह वीडियो भारत में मुस्लिमों पर हिंदुओं के अत्याचार को बताने के लिए ट्वीट किया। यह सच है कि यह वीडियो भारत का ही है। लेकिन, यह भी उतना ही सच है कि इस वीडियो में जो पिट रहा और जो पीट रहे हैं, वे सब मुस्लिम ही हैं।

https://twitter.com/Ziakhaaan/status/1443468142307680257?ref_src=twsrc%5Etfw

जिया ने जो वीडियो शेयर किया है वह घटना जुलाई 2020 की है। यह वारदात उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में हुई थी। यह वीडियो प्रशांत शुक्ला नाम के पत्रकार ने भी शेयर किया था। ट्वीट का जवाब देते हुए सिद्धार्थनगर पुलिस ने ये स्पष्ट किया था कि घटना पीड़ित और आरोपित के बच्चों के बीच हुए झगड़े के कारण हुई थी। इसमें एजाज और उसके परिवार के लोगों को इस्तेखार, अनवर राजा, मोहम्मद कलीम और हलीम ने पीटा था।

https://twitter.com/siddharthnagpol/status/1280792988667588610?ref_src=twsrc%5Etfw

बाद में प्रशांत शुक्ला ने एक और वीडियो शेयर किया था, जिसमें पीड़ित एजाज उन लोगों का नाम ले रहा था, जिन्होंने उस पर और उसके परिवार पर हमला किया था। उसका बयान इस बात की पुष्टि करता है कि उस पर मुस्लिमों ने ही हमले किए थे।

https://twitter.com/JournoPrashant/status/1280117400780697601?ref_src=twsrc%5Etfw

इससे ये सिद्ध होता है कि मुस्लिम व्यक्ति को उसके बच्चों और आरोपित के बीच हुए झगड़े के बाद चार मुस्लिमों ने पीटा था। इसमें हिंदू समाज किसी भी तरह से शामिल नहीं था। इस घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल भी नहीं था। बावजूद इसके कट्टर इस्लामिस्ट इस घटना का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए कर रहे हैं।

गौरतलब है कि असम के दर्रांग जिले में हुई घटना के बाद भारत विरोधी यह अभियान शुरू हुआ है। असम की घटना का हवाला दे कुछ लोग हिंदुओं के बहिष्कार की माँग करते हुए अन्य इस्लामी देशों से भारत के खिलाफ एकजुटता की अपील कर रहे हैं। ICESCO के पूर्व महानिदेशक, ए. अलवाजिरी (A. Altwaijri) ने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी की हिंदू सरकार पर मुसलमानों को एक सोची समझी नीति के अनुसार प्रताड़ित और बदसलूकी का आरोप लगाया था।

भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटे इस्लामवादी दर्रांग हिंसा की सच्चाई को आसानी से नज़रअंदाज कर रहे हैं। वहाँ अतिक्रमण अभियान को लेकर पुलिस पर उन्मादी भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद कई लोगों को जान गँवानी पड़ी। वहीं कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय मुसलमानों के साथ बातचीत बाद ही अतिक्रमण अभियान चलाया गया था। लेकिन बाद में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिससे उन्हें आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। मामले की न्यायिक जाँच जारी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया