‘परंपरा, प्रतिष्ठा अनुशासन…’: इजरायली दूतावास के 3 स्तंभ, PM मोदी के पोस्ट से नेटिज्नस को याद आए ‘मोहब्बतें’ के नारायण शंकर

प्रधानमंत्री मोदी और अमिताभ बच्चन (फोटो साभार: TOI, Zee5)

14 सितंबर को हिंदी दिवस था। दुनिया भर इस मौके पर शुभकामना संदेश आए। इसी कड़ी में इजरायल और ऑस्ट्रेलिया के दूतावास ने शुभकामनाओं के साथ वीडियो शेयर किए। इजरायली दूतावास के वीडियो को रीपोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि यह प्रयास अभिभूत करने वाला है।

दरअसल, इजरायली दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर कर लिखा था, “लाइट्स, कैमरा, एक्शन। हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। हिंदी सीखने का सबसे मनोरंजक तरीका हैं हिंदी सिनेमा। इस मौके पर इजरायली दूतावास ने हिंदी सिनेमा के अपने पसंदीदा डायलॉग्स को अदाकारी के तरीके से प्रस्तुत किया है। कौन सा डायलॉग आपको सबसे ज्यादा पसंद आया?”

इस वीडियो में सबसे पहले इजराइली राजदूत नाओर गिलोन ‘परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन ये इस इजराइली दूतावास एम्बेसी के तीन स्तंभ हैं’, कहते नजर आ रहे हैं। इसके बाद इजराइली राजनयिक हगार स्पीरो ताल, ‘एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो ओरी बाबू’ कहती नजर आ रहीं हैं। फिर एक अन्य इजरायली राजनयिक ओहाद नकश कयनार, फिल्म हेराफेरी के बाबू राव (परेश रावल) के डॉयलॉग की मिमिक्री करते नजर आ रहे हैं। इसी तरह अन्य राजनयिक भी हिंदी फिल्मों के डायलॉग बोलते नजर आ रहे हैं।

इजरायली दूतावास के इस वीडियो को PM मोदी ने रीपोस्ट किया। साथ ही लिखा, “परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन… ये इस इजरायली दूतावास के तीन स्तंभ हैं। भारतीय फिल्मों के डायलॉग के जरिए हिंदी को लेकर इजरायली दूतावास का यह प्रयास अभिभूत करने वाला है।” बता दें कि ‘परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन…’ अमिताभ बच्चन स्टारर साल 2000 में आई फिल्म मोहब्बतें का डॉयलॉग है। इसमें अमिताभ बच्चन ने गुरुकुल के प्राध्यापक नारायण शंकर की भूमिका निभाई थी।

वहीं ऑस्ट्रेलियाई राजदूत फिलिप ग्रीन ने भी एक वीडियो शेयर किया। इसके साथ उन्होंने लिखा, “हिंदी न केवल ऑस्ट्रेलिया में, बल्कि दिल्ली स्थित हमारे राजनयिकों के बीच भी लोकप्रिय है। आज हिंदी दिवस के अवसर पर हमारे राजनयिक अपनी पसंदीदा हिंदी कहावतें, जो उन्हें प्रेरित करती हैं आपसे साझा कर रहे हैं।”

इस वीडियो में ऑस्ट्रेलियाई राजदूत हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते देखे जा सकते हैं। इसके बाद दूतावास के कर्मचारी हिंदी की कहावतें और दोहे कहते नजर आ रहे हैं। इनमें सबसे पहले एक कर्मचारी, ‘काल करे सो आज करे, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी बहुरि करेगा कब’ दोहा सुनाते नजर आ रहे हैं। इसके बाद अन्य कर्मचारी, ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’, ‘जैसा देश, वैसा भेष’, ‘जहाँ चाह, वहाँ राह’, ‘साँच को आँच क्या’ और कर्म करो, फल की चिंता मत करो’ जैसे कुछ प्रसिद्ध हिंदी मुहावरे सुनाते नजर आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस वीडियो को भी रीपोस्ट किया। साथ ही उन्होंने लिखा है, “आपके ये दोहे और मुहावरे मंत्रमुग्ध करने वाले हैं। ऑस्ट्रेलिया के राजनयिकों का हिंदी के प्रति ये लगाव बेहद ही दिलचस्प है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया