‘PM मोदी सेंगोल के साथ, विपक्ष बर्नोल के साथ’ : नए संसद भवन के उद्घाटन से कइयों को लगी मिर्ची, नेटीजन्स ने मजे लिए

प्रधानमंत्री सेंगोल के साथ, विपक्ष बर्नोल के साथ

नए संसद भवन के उद्घाटन की बात से बौराया विपक्ष अब अपने बयानों से अपनी खीझ व्यक्त कर रहा है। कॉन्ग्रेस के राजतंत्र के युवराज राहुल गाँधी को इससे इतनी मिर्ची लगी है कि उन्होंने सवाल किया है कि आखिर एक उद्घाटन समारोह को राज्यभिषेक जैसा कार्यक्रम क्यों बना दिया गया।

उनकी तरह और भी लोग हैं जिनसे बर्दाश्त नहीं हो पा रहा कि कैसे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ पूजा-पाठ करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन का उद्घाटन कर दिया। कभी ये लोग नए पार्लियमेंट के स्ट्रक्चर को ताबूत जैसा बता रहे हैं कि तो कभी ये पूछ रहे हैं कि इसका उद्घाटन पीएम ने ही क्यों किया।

अब इन्हीं सवालों को देखते हुए नेटीजन्स ने एक बर्नोल अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत जिन-जिन को आज के कार्यक्रम के बाद मिर्ची लगी है। उन्हें वह लोग वर्चुअली बर्नोल बाँटकर शांत होने को कह रहे हैं।

एक यूजर ने नए संसद भवन, पीएम मोदी और हिंदू रीति रिवाजों को विरोध करने वाले विपक्ष के लिए कहा, “मोदी जी सेंगोल के साथ, विपक्ष बर्नोल के साथ।”

देख सकते हैं कि रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने शाहरुख खान की आड़ में पीएम मोदी के संसद में बैठने पर सवाल उठाए थे। ऐसे में उनके ट्वीट के नीचे बर्नोल मीम्स की बाढ़ आ गई। लोग कहने लगे- देखकर लग रहा है कि सूर्य प्रताप को जल्दी बर्नोल की जरूरत है।

इसी तरह आसिफ खान संसद भवन में संतों की मौजूदगी पर तंज वाले अंदाज में लिख रहे थे- “धर्मनिरपेक्ष भारत में आपका स्वागत है।” इस ट्वीट के नीचे एक ‘बेकार आदमी’ नाम के ट्विटर यूजर द्वारा पोस्ट किया गया- आखिरी बार जब तुम संसद में घुसे तो सब जानते हैं कि क्या हुआ था।

एक नेहरूवादी शांतनु नाम के यूजर ने ‘सेंगोल’ के समक्ष पीएम मोदी द्वारा किए गए प्रणाम का मजाक उड़ाया। उसने कहा कि मोदी नेहरू की छड़ी के आगे दंडवत प्रणाम कर रहा है। नेहरू को आजीवन कोसने के बाद आखिरार मोदी नेहरू की छड़ी के आगे झुक गया। ये ताकत है भारत के महान पुत्र नेहरू में।

इस पर शांतनु को लताड़ लगते हुए कहा गया कि ऐसे ही घटिया बर्ताव के कारण राहुल गाँधी डिस्क्वालिफाई हुआ। कॉन्ग्रेस जोकरों। जाकर बर्नोल ले लो और अपनी कॉमेडी पर उसे मल लो।

उल्लेखनीय है कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम आज पूजा पाठ से शुरू होकर सर्वधर्म प्रार्थना के साथ समाप्त हुआ। इस दौरान साधु-संत भी मौजूद रहे। ऐसे में विपक्ष ने इस संसद भवन के धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाए। आरजेडी ने तो इसकी तुलना ताबूत से कर दी जबकि जेडीयू ने इस उद्घाटन को कलंक से लिखा जाने वाला इतिहास कहा। इसी तरह एसीपी की सुप्रिया सुले ने भी इस उद्घाटन कार्यक्रम पर सवाल खड़े किए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया