राजस्थान सरकार ने राजीव गाँधी युवा मित्र स्वयंसेवकों को ट्विटर और फेसबुक पर फेक एकाउंट्स खोलने का दिया निर्देश? लेटर वायरल होने के बाद अधिकारी निलंबित

राजस्थान सरकार ने राजीव गाँधी युवा मित्र स्वयंसेवकों को ट्विटर और फेसबुक पर फेक एकाउंट्स खोलने का दिया निर्देश?

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक सरकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब हुई जब यह सामने आया कि उस अधिकारी ने राजीव गाँधी युवा मित्र वालंटियर को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी एकाउंट्स खोलने का निर्देश दिया था।

दरअसल, सवाई माधोपुर स्थित अर्थशास्त्र और सांख्यिकी कार्यालय के सहायक निदेशक सतीश सहरिया को उनके द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया है।

हालाँकि, राज्य के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी निलंबन आदेश में कार्रवाई का कोई कारण नहीं बताया गया है। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सहरिया को इसलिए निलंबित कर दिया गया था क्योंकि राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर फर्जी एकाउंट्स खोलने के उनके आदेश को गंभीरता से लिया था।

इससे पहले आज दिन में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई लोगों अधिकारी द्वारा जारी आदेश को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जिसमें उन्होंने ऐसे आदेश के लिए राजस्थान सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार अपनी वाहवाही के लिए युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रही है।

बता दें कि राजस्थान सरकार ने राज्य सरकार की उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ा कर बताने के लिए युवाओं को जोड़ने के लिए राजीव गाँधी युवा मित्र इंटर्नशिप नामक एक कार्यक्रम शुरू किया है। इसके लिए कॉन्ग्रेस की गहलोत सरकार ने राज्य में 2500 युवा मित्र और लगभग 50000 युवा मित्र स्वयंसेवकों को लगाया है, जो सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार करते हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान के सवाई माधोपुर में अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के अब निलंबित सहायक निदेशक द्वारा जारी आदेश में विभिन्न सरकारी अधिकारियों को अपने अधीन युवा मित्र स्वयंसेवकों को ट्विटर और फेसबुक पर फेक एकाउंट्स बनाने और उन एकाउंट्स को सक्रिय रूप से चलाने का निर्देश दिया गया है।

फेक एकाउंट्स खोलने के लिए जारी आदेश

यहाँ तक कि जिले के सभी ब्लॉक अधिकारियों और पंचायत समितियों को भी जारी आदेश में कहा गया है कि युवा मित्र स्वयंसेवकों के पास ट्विटर और फेसबुक अपने अकाउंट होने चाहिए, वहीं उन्हें दोनों प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट भी खोलना होगा।

आदेश में कहा गया है कि राजीव गाँधी युवा मित्र स्वयंसेवकों को ट्विटर पर 10 डमी एकाउंट्स खोलने हैं, लेकिन उन खातों में ‘युवा मित्र’ शब्द नहीं होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि एक फोन नंबर का इस्तेमाल 10 डमी ट्विटर एकाउंट खोलने के लिए किया जा सकता है। उन्हें सभी डमी एकाउंट्स से सामग्री को ट्वीट और रीट्वीट करना आवश्यक है।

इसी तरह, प्रत्येक युवा मित्र के पास स्वयं के फेसबुक एकाउंट्स होने चाहिए, और उन्हें एक ही फोन नंबर का उपयोग करके 5 फर्जी एकाउंट्स खोलने होंगे। स्वयंसेवकों को कंटेंट पोस्ट और साझा करके सभी एकाउंट्स को सक्रिय रखना है।

अधिकारी के निलंबन का आदेश

फर्जी एकाउंट्स खोलने के निर्देश के साथ-साथ आदेश में यह भी कहा गया है कि युवा मित्र स्वयंसेवकों को तीन लिंक भेजे जाएँगे, और उन्हें हर दिन उन वेबसाइटों पर पोस्ट करनी होगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि युवा मित्रों को अपने व्हाट्सएप स्टेटस के रूप में सीएम द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित तस्वीरों का उपयोग करना होगा।

आदेश में आगे कहा गया है कि युवा मित्रों को सरकारी छुट्टियों के अलावा कोई छुट्टी नहीं मिलेगी और उन्हें शनिवार को भी काम करना होगा। प्रखंड सांख्यिकी कार्यालय स्तर पर कार्यरत युवा मित्रों को माह में केवल एक दिन का अवकाश तथा किसी भी अतिरिक्त अवकाश के लिए जिला कार्यालय से अनुमति लेनी होगी। उन्हें निर्धारित ड्रेस कोड में राज्य स्तरीय कार्यशाला में शामिल होना भी आवश्यक बताया गया है।

वहीं इस पूरे मामले में यह बात भी सामने आई है कि जिस आदेश को जारी करने के लिए अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था, वह आदेश संपादित किया गया था, और सतीश सहरिया ने स्वयंसेवकों को कभी भी फेक एकाउंट्स खोलने के लिए नहीं कहा। आदेश का एक और संस्करण ट्विटर पर कुछ लोगों द्वारा साझा किया गया था, जिसमें कहा गया था कि स्वयंसेवकों को 10 लोगों को ट्विटर खाते और 5 लोगों को फेसबुक खाते खोलने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया था। बाकी दोनों आदेशों में शेष सामग्री समान है।

हालाँकि, निलंबन की जानकारी देने वाली मीडिया रिपोर्टों में वायरल पत्र का इस्तेमाल किया गया जिसमें फर्जी एकाउंट्स बनाने के लिए कहा गया था। इसलिए, यह पता नहीं चल पा रहा है कि वास्तव में कौन सा संपादित किया गया है, लेकिन अधिकारी को बिना कोई कारण बताए फिलहाल के लिए निलंबित कर दिया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया