‘बाजारू औरत, मुजरा, कोठा, दलाल, सट्टा’ … रुबिका लियाकत को साड़ी-बिंदी-गजरे में देख ऐसे बिदके इस्लामी, हिजाब के लिए भी निकाली खुन्नस

रुबिका लियाकत की साड़ी पर बवाल

टीवी पत्रकार रुबिका लियाकत ने 5 मार्च को सोशल मीडिया पर एक फोटो अपलोड की। तस्वीर में वह साड़ी पहने, माथे पर बिंदी लगाए और बालों में गजरा लगाकर कार ड्राइव करती नजर आईं। इस तस्वीर को देख कई लोगों ने उनकी तारीफ की, लेकिन इस्लामी कट्टरपंथी एक बार फिर इसे देख बिदक गए। इससे पहले इन्हीं इस्लामियों ने रुबिका को हिजाब विवाद के समय सिर्फ इसलिए घेरा था क्योंकि वो स्कूल में हिजाब लागू करवाने का समर्थन नहीं कर रही थीं।

बता दें कि रुबिका ने अपनी तस्वीर के साथ लिखे ट्वीट में महिला सशक्तिकरण पर बात की और कहा, “एक महिला के पूरी तरह से तैयार होने के बावजूद लोग क्यों सोचते हैं कि उसे ड्राइवर की सीट (गाड़ी चलाने वाली सीट) पर नहीं होना चाहिए। कोई गलती न करें और स्टीयरिंग (गाड़ी को हैंडल करने वाला व्हील) हमेशा अपने हाथ में रखें चाहें आप तैयार हो या न हों।”

गाड़ी, स्टीयरिंग, ड्राइवर सीट को लेकर किए गए ट्वीट में रुबिका महिलाओं को अपने फैसले खुद लेने, अपने जीवन की गाड़ी खुद हैंडल करने की बातें कर रही थीं। लेकिन इस्लामी कट्टरवादियों से ये बर्दाश्त नहीं हुआ।

रुबिका की तस्वीर पर देख सकते हैं कि कैसे कुछ कट्टरपंथी हमेशा की तरह उनकी लुक्स की तुलना एक पुरुष से करते हैं और उनका मजाक उड़ाने के लिए कहते हैं, “भाईजान साड़ी में आप बिंदास लगती है वैसे आप बदमाश तो है हीं। आप अपनी मर्जी से साड़ी पहन सकते हो लेकिन कोई लड़की अपनी मर्जी से हिजाब भी नहीं लगा सकती। एक तरफ आप इस ट्वीट के जरिए महिला सशक्तिकरण की बात कर रही हैं और दूसरी तरफ आप प्रियंका जी का मजाक उड़ा रही हैं।”

एक यूजर ने तो उनकी तस्वीर पर लिखा, “आज गोदी मिडिया की हालत, उस बाजारू-औरत की तरह हो गई है। उसे लाख अश्लील गालीयाँ दो फिर भी बुरा नहीं मानती ! भाजपा के गोदी कोठों का मुजरा भाजपा के लिए ज़ोरों पे इसलिए रुबिका भाजपा द&^ पे एक आक थू बनता है आक थू।”

एक ने कहा, आप अपनी मर्जी से साड़ी, गजरा और बिंदी लगा सकती हैं पर कोई मर्जी से पर्दा करे तो मैडम को आग लग जाती है। मुनाफिकों के भी अपने प्रोपेगेंडे हैं।

मोहम्मद अथहर ने लिखा, “अरे रे ये खत्म अब, किलर लुक और पोज धूम रुबिका। अब तो सत्ता में उतर जाओ मीडिया जॉब छोड़ कर।”

एक यूजर ने लिखा, “जब तुम नफरत फैला सकती हो तो कार दौड़ाना तो बाएँ हाथ का खेल है।” एक ने रुबिका के लिए लिखा, “इसका स्टीयरिंग तो खुद बीजेपी के हाथ में हैं।”

नजीम शाह ने लिखा, “दलाली की कमाई से लोग क्या कुछ नहीं कर लेते। मैं तो कहता हूँ ये ED वालो को कुछ दलाल पत्रकारों के घर भी छापा मारना चाहिए! और 10 साल के रिकॉर्ड कमाई के जाँच करनी चाहिए।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया