‘ट्रांसजेंडर से हार गई मेडल’: एशियन गेम्स में गई भारत की महिला खिलाड़ी ने सनसनीखेज दावे के बाद डिलीट किया ट्वीट, नंदिनी बोलीं – मुझे पता है मैं कौन हूँ

स्वप्ना ने नंदिनी पर अप्रत्यक्ष रूप से ट्रांसजेंडर होने के आरोप लगाए हैं (चित्र साभार: इंडिया.कॉम/ हिन्दुस्तान टाइम्स)

चीन के हांगझाऊ शहर में चल रहे एशियन गेम्स के खेल हेप्टेथलॉन में मैडल ना जीतने पर भारतीय एथलीट ने एक सनसनीखेज दावा किया है। स्वप्ना बर्मन ने कहा है कि वह अपना मेडल एक ट्रांसजेंडर से हार गईं। स्वप्ना ने यह दावा एक्स (पहले ट्विटर) पर किया।

स्वप्ना ने लिखा, “मै हांगझाऊ में आयोजित 19वें एशियन गेम्स का अपना कांस्य पदक एक ट्रांसजेंडर से हार गई। मैं अपना मेडल वापस चाहती हूँ क्योंकि यह ओलम्पिक के नियमों के विरुद्ध है। कृपया मेरी सहायता करें।” स्वप्ना ने यह ट्वीट सुबह 9:15 पर किया और कुछ देर बाद हटा भी दिया।

स्वप्ना का ट्वीट, जो उन्होंने बाद में हटा दिया (चित्र साभार: YearOfTheKraken/X)

स्वप्ना बर्मन और नंदिनी हेप्टेथलॉन की खिलाड़ी हैं। यह एक ट्रैक एंड फील्ड खेल है। इसके अंतर्गत 100 मीटर की बाधा दौड़, ऊँची कूद, शॉट पुट, 200 मीटर दौड़, लम्बी कूद, जैवेलिन थ्रो और 800 मीटर की दौड़ शामिल होती है। सभी में मिलाकर जिस खिलाड़ी के सबसे अधिक अंक बनते हैं उसे ही मेडल मिलता है।

हांगझाऊ में आयोजित हो रहे एशियन खेलों में इस खेल की प्रतियोगिता 1 अक्टूबर को भारत की ही खिलाड़ी नंदिनी अगासरा ने कांस्य पदक जीता है और स्वप्ना इस प्रतियोगिता में चौथे नम्बर पर रहीं। स्वप्ना ने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिखा, लेकिन कांस्य पदक नंदिनी ने जीता है इसलिए यह स्पष्ट हो गया कि वह किसको लेकर बात कर रहीं थी।

इस प्रतियोगिता में चीन की खिलाड़ी ने स्वर्ण पदक जबकि उज्बेकिस्तान की खिलाड़ी ने रजत पदक जीता। स्वप्ना भी रजत पदक जीतने के लिए जोर लगा रही थीं लेकिन वह कुछ प्रतियोगिताओं में पिछड़ गईं और पदक नहीं जीत सकीं। स्वप्ना के कुल 5708 पॉइंट थे जबकि नंदिनी के 5712 पॉइंट थे। स्वप्ना ने वर्ष 2018 में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित एशियन खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। इस बार भी उनसे काफी उम्मीदें थी। हालाँकि, इस बीच वह काफी चोटों का शिकार हुई थीं और उनसे उबर कर अपना अंतिम प्रयास देने इस प्रतियोगिता में आई थी।

गौरतलब है कि खेलों में ट्रांसजेंडरों की सहभागिता को लेकर काफी विवाद होता आया है। महिला खिलाड़ियों का कहना है कि यह ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता अधिक होती है, इसीलिए वो महिलाओं से आगे निकल जाते हैं और वह महिलाओं के खेल में सहभागिता कर के उनके हिस्से के पदक भी ले जाते हैं। मार्च 2023 में विश्व एथलेटिक्स ने महिलाओं के खेलों में ट्रांसजेंडर महिलाओं के भाग लेने पर रोक लगा दी गई थी यदि उनका यौवनारम्भ (Puberty) पुरुष के तौर पर हुआ है। कुछ अन्य नियम भी इस संबंध में लाए गए थे।

स्वप्ना के ट्रांसजेंडर वाले इस इस दावे को नंदिनी ने खारिज किया है। नंदिनी ने स्वपना के इस दावे पर ‘इंडिया टुडे‘ से कहा, “मुझे पता है मैं कौन हूँ। उनसे (स्वप्ना) से कहिए कि सबूत दिखाएँ। मैं यह भी दिखाऊँगी कि मैंने देश के लिए पदक जीता है। मैं केवल देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूँ।”

आगे नंदिनी ने कहा, “अब जबकि मैं जीत गई हूँ तो लोगों ने इस सम्बन्ध में बात करना चालू कर दिया है। मैं इस मामले को भारतीय एथलेटिक फेडरेशन तक लेकर जाऊँगी। मैं इस लम्हे का आनंद लेना चाहती थी लेकिन अब मैं भारत वापस जा रही क्योंकि मेरी माँ की तबीयत ख़राब है।”

खेलों के समाचार देने वाली वेबसाइट ‘स्पोर्ट्सस्टार‘ के अनुसार, स्वप्ना ने पहले कहा था, “मैं इस खेल की तैयारी पिछले 13 वर्षों से कर रही हूँ और मुझे पता है कि कितनी तैयारी कहाँ तक ले जा सकती है। सबको पता है कि यह मुकाम चार महीने में हासिल नहीं किया जा सकता। उन्हें (नंदिनी) को एशियन चैम्पियनशिप के लिए चयनित नहीं किया गया था और मुझे लगता था इस बार भी यही होगा लेकिन यहाँ मैंने उन्हें प्रतियोगिता में देखा।”

हांगझाऊ में चल रहे एशियन खेलों में भारत अब तक 56 पदक जीत कर चौथे स्थान पर है। भारत ने अभी तक 13 स्वर्ण पदक जीते हैं। एशियन खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2018 में था जब 16 स्वर्ण पदक के साथ भारत ने कुल 70 पदक जीते थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया