मास रिपोर्टिंग के बाद महंत नरसिंहानंद सरस्वती का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड, कट्टरपंथी मना रहे जश्न

यति नरसिंहानंद का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड

गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का अकाउंट माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर से सस्पेंड हो चुका है। नरसिंहानंद सरस्वती ने अचानक अपने अकाउंट पर हुई कार्रवाई को लेकर ट्विटर को एक मेल भी लिखा है। इसमें बताया गया कि उन्होंने कभी किसी को टारगेट करने या फिर प्रताड़ित करने की मंशा से कुछ लिखा तक नहीं। 

सरस्वती का अनुमान है कि कुछ शरारती तत्वों के लगातार हमले के कारण उनका अकाउंट निलंबित किया गया। उन्होंने कहा कि वह प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल विभिन्न मुद्दों पर राय रखने और विचार व्यक्त करने के लिए करते थे।

उन्होंने अपने ईमेल में लिखा, “मेरा ट्विटर अकाउंट @Narsinghvani सस्पेंड कर दिया गया है। मैंने कभी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया। मुझे लगता है कि मेरे अकाउंट को कुछ शरारती तत्वों द्वारा निशाना बनाया गया। मैंने कभी कोई ऐसा ट्वीट नहीं किया जिसका मकसद किसी को टारगेट करना या प्रताड़ित करना हो। मैं केवल वहाँ विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखता था, क्योंकि किसी को भी इसकी आजादी है। मुझे लगता है आपने मेरा अकाउंट किसी गलती से सस्पेंड किया है। कृपया मेरा अकाउंट दोबारा बहाल किया जाए।”

मास रिपोर्टिंग के कारण सस्पेंड

बता दें कि यति नरसिंहानंद सरस्वती का अकाउंट सस्पेंशन मास रिपोर्टिंग का नतीजा है। यह खुलासा तब हुआ जब अकाउंट सस्पेंड हुए कुछ देर हुई और सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसका जश्न मनाने लगे। @BhaktendraNodi नाम के एक ट्रोल अकाउंट, जिसने सरस्वती के अकाउंट को सस्पेंड करवाने के लिए कैंपेन चलाया था, इस पर खुशी जताई। वहीं कई अन्य लोगों ने इस अकाउंट को जीत के लिए बधाई दी।

अन्य कई ट्विटर यूजर ने भी सरस्वती का अकाउंट सस्पेंड करवाने पर बधाई दी।

साभार: ट्विटर
साभार: ट्विटर
https://twitter.com/TeamSaath/status/1387841398683185157?ref_src=twsrc%5Etfw

कथित फैक्टचेकर मोहम्मद जुबेर भी इस पर खुशी जताता दिखा। राहुल गाँधी की परम भक्त संजुक्ता बासु ने भी नरसिंहानंद सरस्वती का अकाउंट सस्पेंड कराने पर @BhaktendraNodi की तारीफ की।

मोहम्मद जुबेर ने जाहिर की खुशी
संजुक्ता बासु का ट्वीट

बता दें कि यति नरसिंहानंद सरस्वती ने हाल में पैगंबर मोहम्मद को लेकर कुछ टिप्पणी की थी। इसके बाद वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए। उन्हें खुलेआम उस ‘सर तन से जुदा’ की धमकी दी गई, जिसका इस्तेमाल इस्लामी कट्टरपंथी पैगंबर की तौहीन करने वालों के लिए इस्तेमाल करते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया