1 महीने के सस्पेंशन के बाद ‘इंडिया टुडे’ पर वापस लौटे राजदीप सरदेसाई, ‘किसान’ की मौत पर फैलाई थी फेक न्यूज़
एक व्यक्ति ने उन्हें सलाह दी कि अगर उनके पास आत्मसम्मान होता तो वो उस दफ्तर में कदम नहीं रखते। एक अन्य यूजर ने पूछा कि उन्हें फिर से ऑन…
एक व्यक्ति ने उन्हें सलाह दी कि अगर उनके पास आत्मसम्मान होता तो वो उस दफ्तर में कदम नहीं रखते। एक अन्य यूजर ने पूछा कि उन्हें फिर से ऑन…
चौंकाने वाली बात यह है कि इंडिया टुडे को इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा। ऐसा लगता है कि यह उनके लिए पूरी तरह स्वीकार्य है कि मुस्लिम पुरुष आरएसएस…
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने इंडिया टुडे को पत्र लिखा है। राजदीप का उल्लेख कर बताया है कि संस्थान से जुड़े कुछ पत्रकार गलत फैक्ट्स रखते हैं।
"इंडिया टुडे/आजतक फ्री में अपना चैनल चला सकते हैं अगर गलत समाचार और झूठी खबरों पर इसी तरह सैलरी काट लें। मुफ्त में मौज ही मौज।"
सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार का निलंबन व सैलरी में कटौती सरदेसाई के लिए बहुत बड़ा अपमान है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया।
प्रबंधन ने राजदीप के ट्वीट्स को ग्रुप की सोशल मीडिया पॉलिसी से अलग माना है। इसीलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें 2 हफ़्ते के लिए ऑफ़ एयर कर दिया।
नारेबाजी करते हुए लोग राजदीप सरदेसाई को 'दलाल' कहने लगे। अस्पष्ट आवाजों के बीच लोग जोर-जोर से कहते हैं, "दलाल है दलाल है.. राजदीप दलाल है।"
राजदीप सरदेसाई ने तिरंगे में लिपटी मृतक की लाश की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा कि इसकी मौत पुलिस की गोली से हुई है।
राजदीप ने सर्वेक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह सर्वे पर विश्वास ही नहीं कर पा रहे क्योंकि लगभग 85% लोग लॉकडाउन में अपनी आजीविका के अवसरों को खोने…
टीआरपी स्कैम में ED ने फिर से इंडिया टुडे के CFO दिनेश भाटिया और डिस्ट्रीब्यूशन हेड केआर अरोड़ा को पूछताछ के लिए तलब किया है।