किसान आंदोलन

शक के दायरे में किसान संगठन की विदेशी फंडिंग: 2 महीने में आए लाखों, खुद के अकाउंट में पैसा डालना चाहते हैं नेता

दिल्ली में चल रहा कथित किसान आंदोलन 25वें दिन में प्रवेश कर गया है। भारतीय किसान यूनियन (BKU एकता-उग्राहन) की विदेशी फंडिंग शक के घेरे में है।

‘किसान’ आंदोलन में भीड़ बढ़ाने का तरीका: लालच देकर लाई गई 3 महिलाओं ने खोला काला चिट्ठा, लौटना चाहती हैं घर

महिलाओं के अनुसार उन्हें इलाज के लिए पैसे चाहिए थे, इसलिए जब उन्हें पैसे देने को कहा गया तो वह उस व्यक्ति के साथ चल दीं। हालाँकि...

MSP के नाम पर आज भूख हड़ताल, इधर सरकार ने अकेले पंजाब से आधी धान खरीदी

इस वर्ष भारत में 412.91 लाख मीट्रिक टन की खरीद में से, अकेले पंजाब राज्य से खरीद 202.77 LMT थी। यानी, कुल खरीद का लगभग आधा (49.10%), पंजाब से लिया…

…5 साल तक बैठे रहेंगे PM मोदी के समर्थन में, कानून हमारे लिए सही: विरोध वाले ‘किसानों’ को आईना दिखाती वायरल वीडियो

“आज तक जो भी सरकार आई क्या उसने किसानों को खाद-पानी के लिए 6 हज़ार रुपए दिया? यही इकलौती ऐसी सरकार (मोदी सरकार) है जो..."

गुरुद्वारा रकाब गंज में PM मोदी: गुरु तेग बहादुर को दी श्रद्धांजलि, जिन्हें औरंगजेब ने मरवा दिया था

“मैंने ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में प्रार्थना की। जहाँ गुरु तेग बहादुर जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था। मैं..."

इंडिया टुडे के ‘द लल्लनटॉप’ ने गुजरात के APMC और नए कृषि कानूनों पर फैलाई फर्जी जानकारी: जानिए क्या है सच

YouTube पर 17 मिनट लंबे ऑरिजिनल वीडियो में दो किसानों के साथ एक इंटरव्यू है। किसान का आरोप है कि गुजरात के कच्छ जिले में एपीएमसी बाजार नहीं हैं और…

जब केंद्रीय मंत्री ने राजदीप से पूछा- ‘क्या आप झूठों के प्रवक्ता हो?’: देखिए कैसे किया हरदीप सिंह पुरी ने ‘खामोश’

“मुझे आपको सावधान करने की ज़रूरत है, यह पत्रकारिता नहीं है। तब भी मुझे आपके सामने तथ्य रखने पड़े थे और आप फिर वही काम कर रहे हैं।”

सिंघु बॉर्डर पर बब्बर खालसा के आतंकियों का बैनर, लोगों ने पूछा- ‘किसानों’ के आंदोलन में इन पोस्टरों का क्या काम?

इसका सबसे बड़ा सबूत आंदोलन स्थल पर लगा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या के दोषी जगतार सिंह हवारा और उसके साथियों के पोस्टर है।

कभी जिन कृषि कानूनों का वादा किया था, आज उसी का विरोध कर रही AAP: केजरीवाल के दोहरे रवैये का कच्चा चिट्ठा

AAP यूटर्न में माहिर है। कृषि कानूनों पर भी उसका रवैया ऐसा ही है। यही वजह है कि रूबिका लियाकत के सामने अडानी का नाम लेकर संजय सिंह फँस गए…

‘उनको कृषि कानूनों से पीड़ा नहीं, वे इस बात से परेशान हैं कि मोदी ने कैसे कर दिया’

“मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ। उनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे…