बकलोल पत्रकार

दलित और गोमूत्र से घृणा करने वाला द वायर का हिन्दूफोबिक मीडिया ट्रोल इसलिए अपराधी नहीं हो सकता

...लेकिन इस बार भी यही होना है। दलितों की तुलना जानवरों से करने वाले द वायर के इस पत्रकार को जनता फिर से अपना नायक बना देगी और उसके लिए…

हिन्दी भाषा का बवाल और पत्रकारिता का वह दौर जब कुछ भी छप रहा है, कोई भी लिख रहा है

तर्क हों तो आप लेख की शुरुआत विदेशी लेखक का नाम लेकर करें या फिर 'लगा दिही न चोलिया के हूक राजा जी' से, मुद्दे पर फ़र्क़ नहीं पड़ता। कुतर्क…

वागले, फ़र्ज़ी ज्ञान और प्रपंच पर मिल रही गालियों का सम्मान कर और ट्विटर से भाग ले

‘धंधे’ में पक कर पक्के हुए निखिल वागले के द्वारा यह अनभिज्ञता नहीं, कुटिलता है, क्योंकि अगर इतने साल बाद भी वह ‘अनभिज्ञ’ हैं निर्वाचन और जनमत-संग्रह के अंतर से,…