स्वतंत्रता संग्राम

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद के बलिदान स्थल वाले पार्क में वक्फ बोर्ड वाली दरगाह; मर्दों को टोपी पहन कर ही घुसने का फरमान

प्रयागराज में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद के बलिदान स्थल वाले पार्क में कथित वक्फ बोर्ड की दरगाह है। यहाँ जियारत के लिए लोग जमा भी होते हैं।

‘नेशनल कॉलेज’ और भगत सिंह के राजनीतिक गुरु: ‘पगड़ी सँभाल ओ जट्टा’ के पीछे की कहानी कहता है ‘क्रांतिदूत’ का 5वाँ भाग ‘बसंती चोला’

महाराजा रणजीत सिंह की सेना में भगत सिंह के पूर्वज खालसा सरदार थे। 'नेशनल कॉलेज' में गुलामी की ज़ंजीरें मुक्त करने के विचारों की शिक्षा दी जा रही थी।

18 साल की उम्र में फाँसी पर चढ़ने वाले क्रांतिकारी: सावरकर भाइयों से प्रेरित हुए तो धधकी आज़ादी वाली आग, छद्म ‘वैदिक’ अंग्रेज कलक्टर को उतारा था मौत के घाट

पता लगता है कि नासिक निवासीगण, विजयानंद थिएटर में जैक्सन के लिए विदाई समारोह का आयोजन करने वाले हैं। इसके बाद अनंत लक्ष्मण कन्हेरे उसे मार गिराने की जिम्मेदारी लेते…

पंडित मदन मोहन मालवीय: वकील बने तो 153 को फाँसी से बचाया, हैदराबाद के निजाम को भी अपने सामने झुकाया

"जब मैं मदन मोहन मालवीय जी से मिला, वह मुझे गंगा की तरह निर्मल और पवित्र लगे। मैंने तय कर लिया कि मैं उसी निर्मल धारा में गोता लगाऊँगा।"

इतने भयभीत थे अंग्रेज कि 2 बार फाँसी पर लटकाया, नहीं जीते तो धोखा और गद्दारी को बनाया हथियार: 1857 में आक्रांताओं को कई बार हराने वाला ‘महाराणा’

महाराणा बख्तावर सिंह की पत्नी रानी दौलत कुँअर भी वीरांगना थीं और उन्होंने अपने पति द्वारा जलाई गई क्रांति की मशाल को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।

रक्त से लाल हो गई अरावली की पहाड़ियाँ, मृत माँ के स्तन में दूध खोज रहा था बच्चा… 1500 बलिदानी भीलों को बिसरा दिया गया, 2013 में CM रहे मोदी ने दिलाया सम्मान

पहाड़ी को घेर कर अंग्रेजों ने 1500 हिन्दू भीलों को मार डाला, लेकिन इतिहास में इस घटना को जगह नहीं मिली। गोविंद गिरी को भी भुला दिया गया। जानिए मानगढ़…

स्वतंत्रता के हुए 75 साल, फिर भी बाँटी जा रही मुफ्त की रेवड़ी: स्वावलंबन और स्वदेशी से ही आएगी आर्थिक आत्मनिर्भरता

जब हम यह मानते हैं कि सत्य की ही जय होती है तब ईमानदार सत्यवादी देशभक्त नेताओं और उनके समर्थकों को ईडी आदि से भयभीत नहीं होना चाहिए।

जिन्होंने डिजाइन किया भारत का राष्ट्रध्वज, गरीबी में हुई उनकी मौत: नेहरू के भारत में झोपड़ी में रहने को थे मजबूर, बेटे ने इलाज बिना तोड़ा दम

भारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा डिजाइन करने वाले तेलुगु ब्राह्मण परिवार में जन्मे पिंगली वेंकैया का जीवन गरीबी में बीता। कई भाषाओं व क्षेत्रों के विद्वान थे।