एक और जुलाई आई, राहुल गाँधी की ‘मेधा’ आई? जमीं जुम्बद, फलक ज़ुम्बद-न ज़ुम्बद, गुल मोहम्मद!
राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस को यह अहसास कब होगा कि लोकतंत्र के लिए विपक्ष आवश्यक है। न कि हर बात पर विरोध और 'कुछ भी कह दो' का राजनीतिक दर्शन।
राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस को यह अहसास कब होगा कि लोकतंत्र के लिए विपक्ष आवश्यक है। न कि हर बात पर विरोध और 'कुछ भी कह दो' का राजनीतिक दर्शन।
डॉ. हर्षवर्धन ने राहुल गाँधी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस को अपनी लीडरशिप में बड़े बदलाव के बारे में विचार करना चाहिए।
कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी सूरत की एक अदालत में पेश हुए। मामला 'सारे मोदी चोर' वाले बयान पर दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले से जुड़ा है।
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में दरार की अटकलों के बीच, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कॉन्ग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके नेता...
दिलचस्प बात यह है कि जब सोरेन एक बैठक की प्रतीक्षा कर रहे थे, तब सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मिलने चले गए,…
जहाँ यूजर्स उन्हें सोनिया गाँधी को लेकर इतनी महत्तवपूर्ण जानकारी देने के लिए तंज भरे अंदाज में आभार दे रहे हैं। वहीं राहुल गाँधी को लेकर बताया जा रहा है…
पहले विज्ञापन देकर शिलान्यास। अब लग्जरी हॉस्टल। वो भी तब जब सेंट्रल विस्टा परियोजना का कॉन्ग्रेसी विरोध कर रहे हैं।
"यही वो राजा थे, जो हमें पंद्रह पैसे देना चाहते थे इसलिए दिल्ली से एक रुपए भेजते थे। इनके गुप्तचर बहुत काबिल थे जो इन्हें बता दिया था कि..."
इस टूलकिट को बनाने वाले और उसके क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी लेने वाले देसी हैं, कॉन्ग्रेस के लिए इससे खुद को अलग कर पाना लगभग असंभव होगा।
ये तस्वीर अमेरिकन सीरीज 'फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे' की है। लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स नजर आ रहे एक्टर को राहुल गाँधी बता सवाल कर रहे हैं।