अब्बाजान से बना पिताश्री, अम्मीजान से माताश्री: ‘मुगलों ने सिखाया सब कुछ’ से अब ‘उर्दू के एहसान का प्रोपेगंडा’ – जानिए सच्चाई
स्क्रॉल जैसे मीडिया संस्थानों ने 'माताश्री' और 'पिताश्री' जैसे शब्दों के लिए भी उर्दू व रही मासूम रजा को श्रेय दे दिया। जाइए क्या है सच्चाई।