जब पैदा होते ही अपराधी घोषित हो जाते थे बच्चे… अंग्रेजों का वो कानून, जिसने 160 जनजातियों को हाशिए पर धकेला
अंग्रेजों के 'आपराधिक जनजाति अधिनियम (Criminal Tribes Act, 1871)' के तहत भारत की कई जनजातियों को 'आदतन अपराधी' घोषित कर दिया गया।
अंग्रेजों के 'आपराधिक जनजाति अधिनियम (Criminal Tribes Act, 1871)' के तहत भारत की कई जनजातियों को 'आदतन अपराधी' घोषित कर दिया गया।
भगत सिंह का वामपंथ टुकड़े-टुकड़े वाला नहीं था। न ही उन्होंने कभी ऐसा लिखा कि वे हिन्दू धर्म को नहीं मानते या फिर वे हिन्दू देवी-देवताओं से घृणा करते हैं।
“मिस्टर मजिस्ट्रेट, आप भाग्यशाली हैं कि आपको यह देखने को मिल रहा। भारत के क्रांतिकारी किस तरह अपने आदर्शों के लिए फाँसी पर भी झूल जाते हैं।”
दोनों के सिर्फ नाम व जन्मदिन ही समान नहीं हैं बल्कि कृष्ण की तरह कनाईलाल ने भी अपने लोगों को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।
वीडियो में देखा जा सकता है कि मंच पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान 'नागिन-नागिन' गाने पर कुछ लड़कियाँ उत्तेजक डांस कर रही हैं।
आरती का कहना है कि जैसे एक व्यक्ति ने नाजी जर्मनी में ' हैल हिटलर' पर हाथ उठा कर सम्मान नहीं दिया, वैसा ही अरविन्द केजरीवाल ने 'वन्दे मातरम्' के…
पंजाब के मोगा में स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले खालिस्तानी तत्वों ने मुख्य प्रशासनिक भवन के ऊपर ही खालिस्तान का झंडा फहरा दिया।
'हिन्दुओं से आजादी' भी इसी एक शब्द में समेट दी गई है, जो बार-बार, रूप बदल कर हमारे कानों तक पहुँचती है। साथ ही, 'केरल माँगे आजादी' जैसे संदर्भ भी…
"नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, उनकी रिपोर्ट्स क्या…
स्वतंत्रता विभाजन का दंश भी लेकर आया था। मेरठ के बेअंत सिंह तब केवल 11 साल के थे जब रावलपिंडी में उनकी मॉं और भाई को जिंदा जला दिया गया…