Media Hypocrisy

जानिए कैसे एक महिला डॉक्टर की लाश पर गिरोह विशेष ने खेला अपना गन्दा खेल, छुपाई असलियत

ज़मीन के विवाद में हुई मौत के बाद 'कुत्ते के काटने से कैसे बचें' पर चर्चा करना सही है क्या? इसी तरह जहाँ रैगिंग की समस्या पर चर्चा होनी चाहिए,…

सोशल मीडिया पोस्ट के लिए पत्रकारों (या आम नागरिकों) की गिरफ़्तारी पर कहाँ खड़े हैं आप?

क्या हमारे पास इतना समय है कि ऐसे सड़कछाप पत्रकारों के ट्वीट पर उसके घर दो पुलिस वाले को भेज कर उठवा लिया जाए जबकि हर मिनट बलात्कार हो रहे…

हिन्दू रीति-रिवाजों व साधु-संतों का अपमान करना ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’: ET की महिला पत्रकार

'द इकनोमिक टाइम्स' की पत्रकार ने हिन्दू रीति-रिवाजों का अपमान करने की बात कही है। पत्रकार ने कहा कि हिन्दू रीति-रिवाजों का अपमान करना 'अभिव्यक्ति की आज़ादी' के अंतर्गत आता…

विरोध के लिए त्रिशूल पर कंडोम देखकर खुश होने वाले लिबरल्स आपत्ति करने का खो चुके हैं हक़

राणा अय्यूब जैसे लोग हों या फिर स्क्रॉल जैसे मीडिया गिरोह, अलीगढ़ काण्ड में अपराधियों के नाम असलम और जाहिद होने के कारण उन सबका रोना यही है कि अपराध…

दलित और गोमूत्र से घृणा करने वाला द वायर का हिन्दूफोबिक मीडिया ट्रोल इसलिए अपराधी नहीं हो सकता

...लेकिन इस बार भी यही होना है। दलितों की तुलना जानवरों से करने वाले द वायर के इस पत्रकार को जनता फिर से अपना नायक बना देगी और उसके लिए…

पत्रकार ने पोस्ट किया ‘CM योगी की प्रेमिका’ वाला फर्जी वीडियो, गिरफ्तार

प्रशांत कनौजिया का दलितों और हिंदू संतों पर अभद्र टिप्पणी करने का इतिहास रहा है। कनौजिया दलितों को 'बिना दिमाग वाला जानवर' भी कहा था और साथ ही हिंदू धर्म…

अलीगढ़ और रवीश: शाह ने नोचा इंटरनेट का तार, मोदी ने तोड़ा टावर, नहीं हो रहा दुखों का अंत

अलीगढ़ मुद्दे के साम्प्रदायिक न होने की वजह से अब भारत का समुदाय विशेष शर्मिंदा नहीं हैं, न ही बॉलीवुड की लम्पट हस्तियाँ शर्मिंदगी के बोझ से मेकअप पिघला पा…

उभरते हुए क्रिकेट स्टार की हत्या में शामिल सोहेल खान पर चुप क्यों है मीडिया!

पुलिस ने इस बात की भी जानकारी दी कि क्रिकेटर की हत्या मामले में उस अज्ञात महिला के भी बयान दर्ज कर रही है जो उसके साथ घटना स्थल पर…

The Hindu को तमाचा: 11 घंटे में 510 लोगों ने अक्षयपात्र को दान किए ₹21 लाख

आनंद रंगनाथन ने अक्षय पात्र के समर्थकों से अपील की कि केवल जबानी समर्थन देने की बजाय अक्षय पात्र के कार्य के समर्थकों को अपना पैसा अपने समर्थन के रूप…

Pellet Guns कश्मीरी पत्थरबाज़ों के भले के लिए… लेकिन शेहला रशीद और The Wire चला रहे प्रोपेगेंडा

पैलेट गन कश्मीर की जनता के भले के लिए है। यह उनके भले के लिए भी है, जो अपनी ही रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को चोट पहुँचाते…