माहवारी शुरू होते निकाह, व्यभिचारी मर्दों को छूट, बेटियों के अधिकार में भेदभाव… मजहबी आधार पर पर्सनल लॉ देश के लिए खतरा
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी है।
उत्तराखंड और गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति का गठन किया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी।
देश में विभिन्न कारणों से समान नागरिक संहिता की विशेष जरूरत है। सरकार को इसे तुरंत लागू करना चाहिए ताकि न्याय में विलंब को रोका जा सके।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लेकर गठित समिति का कार्यकाल 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। UCC पर समिति को 2.5 लाख से अधिक सुझाव मिले…
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने कमिटी बनाने की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण की नीति बनाने को लेकर राज्यों को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में याचिका अश्विनी उपाध्याय ने दायर कर रखी…
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनाई गई कमिटी हर जाति, धर्म एवं वर्ग के लोगों से संवाद करेगी और उसके आधार पर ड्राफ्ट बनाएगी।
देवबंद में आयोजित 'जमीयत उलेमा ए हिन्द' की बैठक में UCC का विरोध किया गया। मौलवियों ने सरकार पर डराने का आरोप लगाया। कहा - ये देश हमारा है।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूनिफॉर्म सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण कानून तत्काल लागू करने की माँग की है।
ओवैसी ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं है। वहीं, सीएम सरमा ने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के लिए जरूरी है।