सोनिया का चीन से रिश्ता क्या: अजीत भारती का सवाल | Ajeet Bharti on Rajiv Gandhi Foundation scam

कॉन्ग्रेस पार्टी ने 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के साथ गुपचुप तरीके से एक समझौता किया। इसमें करार किया गया था कि वो हाई लेवल/महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे। जब एक देश की सरकार किसी देश के साथ इस तरह का करार करती है तो समझ में आता है, मगर एक पार्टी ने चीन के साथ ऐसा करार क्यों किया? इसके पीछे कारण क्या है?

सोनिया गाँधी 2007 में बीजिंग गई थी और फिर 2008 में इस डील पर साइन हुआ था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सोनिया की घंटों बैठक के बाद राहुल गाँधी ने इस पर साइन किया था। इसके बाद भी कई मौकों पर ये चीनी अधिकारी से मिलते रहे हैं, जिसकी सूचना भारत सरकार को नहीं दी जाती। डोकलाम के समय भी राहुल गाँधी चीनी राजनयिकों से मिले थे। राजीव गाँधी फाउंडेशन को एक बार चानी एम्बेसी ने 10 लाख और चीनी सरकार ने 90 लाख रुपए दिए। इसकी चेयरपर्सन सोनिया गाँधी हैं।

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अजीत भारती: पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी