रूस में हिन्दू धर्म: इतिहास, रूसी समाज में स्वीकार्यता और कट्टरपंथी ईसाई द्वोरकिन के हमले

रूस में हिन्दुओं की आधिकारिक संख्या लगभग 1,40,000 बताई जाती है और हिन्दू धर्म अपने सर्वसमावेशी स्वभाव के कारण रूसी समाज में लगातार लोकप्रिय हो रहा है। इसमें सबसे बड़ा प्रचार कार्य अध्यात्मिक गुरु श्री प्रकाश जी के द्वारा किया जा रहा है, जो नब्बे के दशक में रूस गए थे और वहीं रह कर लोगों को भारतीय और सनातन संस्कृति के बारे में बताने लगे।

उनके स्वभाव और हिन्दू मूल्यों की सामाजिक स्वीकार्यता के कारण ऑर्थोडॉक्स चर्च समेत, कुछ ईसाई कट्टरपंथी उनके, उनके परिवार और अनुयायियों के ऊपर लगातार कानूनी हमले करने लगे। उन्हें आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी प्रताड़ित किया जाने लगा। अलेक्ज़ेंडर द्वोरकिन नामक व्यक्ति ने रूस समेत कई देशों में हिन्दुओं को ‘डीमन वर्शिपर’ (राक्षसों की पूजा करने वाले) आदि कह कर, धर्म को एक ‘कल्ट’ बताने की कोशिश की। उसने अपने दोस्तों की मदद से लगातार रूसी हिन्दुओं के प्रतिष्ठानों और उनके व्यवसायों को निशाना बनाया।

इसी सिलसिले में ऑपइंडिया ने गुरु श्री प्रकाश जी के सुपुत्र प्रसून प्रकाश जी से रूस में हिन्दुओं की स्थिति, स्वीकार्यता, द्वोरकिन के हमलों समेत कई पहलुओं पर बातचीत की जिसे आप यहाँ क्लिक कर के देख सकते हैं।

अजीत भारती: पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी