ऐसी बीवी ना मिले दोबारा: पीड़ित पतियों ने 108 बार पीपल की उलटी परिक्रमा की, ‘पत्नी पीड़ित आश्रम’ में कौए की पूजा

औरंगाबाद में पीड़ित पतियों ने की पीपल की परिक्रमा (फोटो साभार: enavabharat)

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक कार्यालय है। नाम है- पत्नी पीड़ित आश्रम। इसी औरंगाबाद में 14 जून 2022 को वट सावित्री पूर्णिमा पर कथित पीड़ित पतियों ने एक अनूठा प्रदर्शन किया। उन्होंने पीपल के पेड़ की 108 बार उलटी परिक्रमा की। भगवान से पत्नी से बचाने की प्रार्थना की। फिर से ऐसी बीवी नहीं मिलने का आशीर्वाद माँगा।

आश्रम के संस्थापक भरत फुलारे ने बताया, “वट सावित्री पूर्णिमा के अवसर पर महिलाएँ बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन और सात जन्मों के लिए एक ही पति पाने की प्रार्थना करती हैं। हम अपनी पत्नियों से परेशान हैं और उनसे छुटकारा पाने के लिए हमने पीपल के पेड़ की पूजा करते हुए प्रार्थना की है कि कभी ऐसी जीवनसंगिनी ना मिले।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कानून बनाए गए हैं, लेकिन उनका दुरुपयोग भी हो रहा है। इसका डर दिखाकर पुरुषों को प्रताड़ित किया जा रहा है। अब पुरुषों के लिए भी कानून बनाने की जरूरत है ताकि वे अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकें।

फुलारे ने कहा कि उन्होंने पत्नी पीड़ित आश्रम की स्थापना इसलिए की है ताकि पत्नियों से पीड़ित पुरुषों को सुकून मिल सके। हालाँकि इस आश्रम में प्रवेश उतना आसान नहीं है। यहाँ दाखिल होने के लिए पत्नी द्वारा पति पर कम से कम 20 केस दर्ज होने चाहिए या फिर पत्नी की वजह से पति जेल की हवा खा चुका हो। अब पीपल की पूजा करके नई शुरुआत की गई है। 

रोजाना होती है कौए की पूजा

इस आश्रम में प्रवेश करते ही पहले कमरे में कार्यालय है। यहाँ पत्नी पीड़ितों को कानूनी सलाह दी जाती है। कार्यालय में थर्माकोल से बना एक बड़ा सा कौआ भी है। रोजाना सुबह-शाम उसकी पूजा की जाती है। आश्रम में रहने वाले बताते हैं कि मादा कौआ अंडा देकर उड़ जाती है, लेकिन नर कौआ चूजों का पालन-पोषण करता है। ऐसी ही कुछ स्थिति पत्नी पीड़ित पति की होने की वजह से कौए की प्रतिमा का पूजन किया जाता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया