239 लोगों को एक साथ मारने का ‘मजा’, पायलट जहरी अहमद शाह की सेक्स लाइफ और एक भी लाश नहीं मिलने की ‘फूलप्रूफ प्लानिंग’: MH370 फिर चर्चा में

10 साल पहले लापता हुए मलेशियन विमान को उसी के पायलट द्वारा सागर में डुबोने की आशंका (चित्र साभार- द सन)

मलेशिया का एक विमान मार्च 2014 में उड़ान के बाद अचानक लापता हो गया था। फ्लाइट संख्या MH370 में कुल 239 यात्री सवार थे। तमाम कोशिशों के बावजूद उस विमान को आज तक खोजा नहीं जा सका। अब ब्रिटेन के निवासी और बोइंग एक्सपर्ट साइमन हार्डी ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि संभावना है कि पायलट कैप्टन जहरी अहमद शाह द्वारा विमान को जानबूझ कर समुद्र में डुबाया गया हो। उन्होंने आशंका जताई है कि ऐसा कैप्टन ने अपने साथ कई लोगों को मौत के मुँह में धकेलने के लिए किया हो।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह विमान 8 मार्च 2014 को दक्षिण चीन सागर के ऊपर उड़ाने भरने के बाद अचानक ही गायब हो गया था। विमान कुआलालंपुर से बीजिंग की यात्रा पर था। उड़ान भरने के महज 39 मिनट बाद गायब हुए इस विमान को दोबारा कभी नहीं देखा गया। घटना के एक साल बाद 2015 में साइमन हार्डी इस लापता हुए विमान का पता लगाने के लिए जाँच दल में शामिल हुए। जाँच ऑस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा की जा रही है।

अब द सन अखबार ने हार्डी के हवाले से बताया, “मैं MH 370 की खोज में एक शामिल एक विशेषज्ञ हूँ। मुझे पता है कि कैसे एक ‘आत्मघाती’ पायलट ने विमान और यात्रियों को समुद्र के नीचे पूरी तरह से डुबो दिया था।”

यह बयान उन्होंने विमान के लापता होने की दसवीं बरसी पर एक ख़ास इंटरव्यू के दौरान दिया है। साइमन हार्डी ने आगे बताया, “मेरा मानना है कि विमान को ऐसी जगह गिराया गया था, जहाँ पहले कोई खोजी दल नहीं गया था। पायलट को पता था कि वहाँ जहाज हमेशा के लिए खो जाएगा।”

साइमन हार्डी ने आगे कहा, “विमान के पायलट, कैप्टन ज़हरी ने सभी यात्रियों को मारने का प्लान बनाया था। वह इस आत्मघाती साजिश को अंजाम देते हुए बेहद खुश था। अमेरिका की संघीय जाँच ब्यूरो (एफबीआई) भी अपनी शुरुआती जाँच में इसी फैसले पर पहुँची थी।”

पायलट के बारे में हार्डी ने आगे बताया कि वह एक शातिर साजिशकर्ता था, जो इस बात को लेकर संतुष्ट होना चाहता था कि विमान को ऐसी जगह गिराया जाए, जहाँ कोई खोज न पाए। हार्डी का मानना है कि सैकड़ों यात्रियों से भरे विमान को गायब करने में पायलट को अलग प्रकार का ही मजा आया होगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बोइंग विशेषज्ञ हार्डी ने विमान की तलाश के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सिमुलेटर का उपयोग किया था। वो इस फैसले पर पहुँचे कि 53 वर्षीय पायलट ज़हरी जहाज को समुद्र के उस क्षेत्र में डुबाना चाहता था, जिसे गिल्विनक फ्रैक्चर ज़ोन कहा जाता है। यह इलाका दक्षिणी हिंद महासागर के नीचे सैकड़ों मील क्षेत्र में फैला हुआ है, जहाँ गायब हुए विमान को खोजना बेहद मुश्किल काम है।

लापता विमान MH 370 विमान की खोज के लिए छेड़ा गया व्यापक अभियान साल 2017 में बंद कर दिया गया था। खोजकर्ता हार्डी तब तक अपने दावे को साबित नहीं कर पाए थे। हार्डी का यह भी कहना है कि अगर भविष्य में कभी कोई भी खोजकर्ता लापता विमान तक पहुँच पाया तो वो इसे गहरे समुद्र की चट्टानों के बीच दबा पाएगा।

अकेलापन और परेशान, आत्मघाती थे कैप्टन जहरी

कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मनोवैज्ञानिकों और साथी पायलट के मुताबिक पहले से परेशान कैप्टन जहरी अकेलेपन के शिकार थे। उनकी हरकतों को आत्मघाती भी बताया गया है। दावा किया था कि उन्होंने एक युवा इंस्टाग्राम मॉडल के जुड़वाँ बच्चों को डरावने फेसबुक मैसेज भेजे थे, जो बाद में सार्वजानिक हो गए थे। इसके बाद कैप्टन जहरी को मनोवैज्ञानिकों ने आत्मघाती सोच वाला माना था। कैप्टन के साथी पायलटों ने यहाँ तक दावा किया है कि जहरी अपनी शादी टूट जाने के बाद कुछ फ्लाइट अटेंडेंट के साथ हमबिस्तर भी हुए थे।

साथी पायलटों ने यह भी बताया था कि कैप्टन अहमद शाह जहरी फेसबुक पर कई मॉडलों को फॉलो करते थे। वह उन मॉडलों को सेक्स प्रपोजल देकर कुआलालंपुर आने का ऑफर देते थे। ब्रिटिश विशेषज्ञ हार्डी ने अपनी जाँच निष्कर्ष में पायलट जहरी की इन हरकतों को भी शामिल किया है। एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कैप्टन ने उड़ान भरने से पहले ग्राउंड स्टाफ से पूरे केबिन के बजाय सिर्फ कॉकपिट के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन भरने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने एक्स्ट्रा पेट्रोल भी भरवाया था।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार इस बात की भी आशंका है कि पायलट ज़ाहरी ने साजिश के तहत यात्रियों को धीरे-धीरे मारने की तैयारी की थी। इसी साजिश के तहत जहरी ने शायद पहले अपने साथी पायलट को या तो मार डाला था या बेहोश कर दिया था। विमान के उड़ान भरने के बाद उसकी सैटेलाइट आदि से मिली लोकेशन और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को भेजे जाने वाले संकेतों में कमी भी कहीं न कहीं हार्डी के दावे को मजबूती देती हैं।

हार्डी के अनुसार जहाज में एक्स्ट्रा पेट्रोल डालने की माँग के पीछे कैप्टन जहरी की सोच विमान को कई घंटे तक किसी अज्ञात स्थान की तरफ उड़ाने की थी। यह समय लगभग 7 घंटे का होता, तब तक सभी यात्री और चालक दल के सदस्य बेहोश हो चुके होते। बकौल हार्डी हर यात्री के मर जाने की वजह से भी विमान को तलाशने में दिक्कत आई। साथ ही जहाज को लम्बे समय इधर-उधर घुमाने के बाद ऐसी जगह गिराया गया, जहाँ पहले कोई खोज नहीं हुई थी। यह वजह विमान का मलबा न मिलने में सबसे अहम रही क्योंकि जहाज सागर की गहराइयों में समा चुका था।

कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि खोजकर्ताओं को लापता विमान के कुछ हिस्से मिले। इनमें फ्लैपरॉन (पंख मतलब साइड विंग्स का टुकड़ा) भी शामिल है। यह टुकड़ा मेडागास्कर से लगभग 425 मील पश्चिम दिशा में रीयूनियन नामक द्वीप के पास पाया गया। हार्डी ने कहा कि अगर फ़्लैप नीचे थे तो इसका मतलब कोई लीवर को हिला रहा था। फ़िलहाल हार्डी के बयान के बाद दुनिया भर में एक नई बहस छिड़ गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया