Sunday, September 8, 2024
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भारत के ‘गगनयान’ मिशन में सहयोग प्रदान करेगा अमरीका: बोले नासा के पूर्व अध्यक्ष

फिक्की द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में बोलते हुए बोल्डन ने अपने बारे में बताया कि एक निजी नागरिक के रूप में उनकी प्राथमिक भूमिका अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग को प्रोत्साहित करने की थी।

गत कुछ वर्षों से विज्ञान जगत में भारत अनेकों उपलब्धियाँ हासिल करने की ओर अग्रसर है। जिसके कारण भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना के साथ सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। इसका हालिया उदाहरण भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम ‘गगनयान’ है। दरअसल, ‘गगनयान’ से प्रभावित होकर अमेरीका ने भारत के साथ काम करने में दिलचस्पी दिखाई है।

यह बात शुक्रवार (मार्च 8, 2019) को NASA के पूर्व अधिकारी मेजर जनरल चार्ल्स फ्रैंक बॉल्डन जूनियर ने ऑर्ब्जवर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम में कही है कि दोनों देशों ने (भारत और अमेरिका) अंतरिक्ष के क्षेत्र में संबंध प्रगाढ़ किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में आगे सहयोग के लिए कार्य समूहों का गठन किया गया है।

कार्यक्रम में जब उनसे इस मिशन में दोनों देशों के सहयोग को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ISRO के अध्यक्ष (चेयरमैन) डॉ. के सिवन NASA के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडनस्टान के साथ बात कर रहे हैं। बोल्डन ने कहा कि अमेरिका पिछले कुछ सालों से भारत को मानव अंतरिक्ष परियोजना में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा था, लेकिन तब शायद भारत इसके लिए तैयार नहीं था।

भारत ने अब इस संबंध में निर्णय ले लिया है। गगनयान मिशन के जरिए भारत 2022 तक अपने तीन एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने का विचार कर रहा है।

बता दें कि फिक्की द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में बोलते हुए बोल्डन ने अपने बारे में बताया कि एक निजी नागरिक के रूप में उनकी प्राथमिक भूमिका अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग को प्रोत्साहित करने की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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