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कॉन्ग्रेस के गाँधी को गुस्सा क्यों आता है… क्योंकि तीसरी बार हारने पर लूडो में भी खिलाड़ी को गुस्सा आ जाता है

वैसे तो जैसा कि कॉन्ग्रेस में सदा से होता आया है, कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष कोई गाँधी ही होता है और गाँधी कभी त्यागपत्र नहीं देते।

वामपंथियों का पैतृक गाँव है चीन, अकबर का खजांची ठेले पर गिन रहा नोट: लॉकडाउन में खुले 11 बड़े राज

लॉकडाउन में चीन से आए कोरोना के कारण वामपंथियों को बड़ा अपनापन सा लगा। निज़ामुद्दीन में सिर्फ़ फाया कुन, फाया कुन नहीं होता बल्कि...

चाय से लिट्टी-चोखा तक: लिट्टी-फेस्ट तो बस बहाना है, मनुवाद से लेकर पूँजीवाद जो लाना है

शाहीन बाग़ के लोग तो अब मनुवादी होते हुए कह रहे हैं, "हम देवता हैं, आकर हमारी पूजा करो तो हम मान जाएँगे। लेकिन आकर पूजा तो करो।" और प्रधानमंत्री…

बुद्धिजीवी की बुद्धि की भुर्जी: जब अपशब्दों के बुलबुले उठने लगें, तेल निकल कर अलग होने लगे तो…

भुर्जी बनाने के लिए पहले बुद्धिजीवी की किसी बात का एक छोर पकड़ लें। फिर उसको खींचना शुरू करें। जब बुद्धिजीवी के साथ उसके नाते-रिश्तेदार और खानदान भी उछलता दिखने…

जनता समझदार है, राहुल गाँधी जी! उनको अपने जैसा मत समझिए…

कॉन्ग्रेस को अब राहुल गाँधी के आगे सोचना होगा, एक नेता और देश के नेतृत्त्व के लिए वे स्वयं को सर्वोत्तम प्रत्याशी साबित नहीं कर पाए हैं। ऐसा प्रतीत होता…

ट्रोल-ट्रोलाचार्य संवाद: स्वधन्य पत्रकारों की वैचारिक नग्नता Vs वामपंथी षड्यंत्रों का रहस्योद्घाटन

थ्रेड में ट्रोल करने वाले अधम प्रकार के विस्तारवादी ट्रोल होते हैं। मध्यम कोटि के ट्रोल एक ट्वीट में चेतना शून्य कर देते हैं। उत्तम कोटि के ट्रोल एक वाक्य…