काशी तमिल संगमम: जीवंत परंपराओं को आत्मसात करने की विशेषता ही भारतीय सांस्कृतिक संपूर्णता का आधार
प्रथम तमिल संगम मदुरै में हुआ था जो पाण्ड्य राजाओं की राजधानी थी और उस समय अगस्त्य, शिव, मुरुगवेल आदि विद्वानों ने इसमें हिस्सा लिया था।
प्रथम तमिल संगम मदुरै में हुआ था जो पाण्ड्य राजाओं की राजधानी थी और उस समय अगस्त्य, शिव, मुरुगवेल आदि विद्वानों ने इसमें हिस्सा लिया था।
छुईमुई का पौधा हमारे छूते ही प्रतिक्रिया देता है। जगदीश चंद्र बोस ने दिखाया कि अन्य पेड़-पौधों में भी ऐसा होता है, लेकिन नंगी आँखों से नहीं दिखता।
मुगल आक्रांताओं से उत्तर-पूर्व भारत की पवित्र भूमि की रक्षा करने वाले वीरयोद्धा लाचित बरपुखान का जीवन और व्यक्तित्व शौर्य, साहस, स्वाभिमान, समर्पण और राष्ट्रभक्ति का पर्याय है।
लाचित बरपुखान ने पूर्वोत्तर की जमीन पर मुगलों की बर्बर विस्तारवादी मंसूबों को दफन कर दिया। उनके पराक्रम में इतना बल था कि उससे टकराने के बाद मुगलों ने कभी…
जसवंत सिंह की मौत हो गई। मारवाड़ के नवजात उत्तराधिकारी अजीत सिंह की रक्षा का जिम्मा दुर्गादास राठौड़ ने उठाया। औरंगजेब मर गया, जीत नहीं पाया।
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले नायकों को याद करने का है।
देश की आजादी के बाद 'यूनियन जैक' को नेहरू उतारना नहीं चाहते थे। गाँधी का मानना था कि देश के झंडे में यूनियन जैक भी होना चाहिए, माउंटबेटन के दुःखी…
एक रामभक्त को ये कहते हुए सुना जा सकता है, "आइए, लाठीचार्ज कीजिए, मार डालिए। हम नहीं जाएँगे, आप गोली चलाइए।" उस दिन 40-45 की कर दी गई थी हत्या।
पहाड़ी को घेर कर अंग्रेजों ने 1500 हिन्दू भीलों को मार डाला, लेकिन इतिहास में इस घटना को जगह नहीं मिली। गोविंद गिरी को भी भुला दिया गया। जानिए मानगढ़…
1614-15 ईस्वी में जिस दिन गुरु हरगोबिंद को जहाँगीर की कैद से मुक्त किया गया था, उस दिन दिवाली ही थी। उसके बाद से ये दिन 'बन्दी छोड़ दिवस' भी…