भारत की बात

पंडित मदन मोहन मालवीय: वकील बने तो 153 को फाँसी से बचाया, हैदराबाद के निजाम को भी अपने सामने झुकाया

"जब मैं मदन मोहन मालवीय जी से मिला, वह मुझे गंगा की तरह निर्मल और पवित्र लगे। मैंने तय कर लिया कि मैं उसी निर्मल धारा में गोता लगाऊँगा।"

नेहरू की नीतियों के कारण Pak में जाने वाला था असम, लेकिन राह में खड़ा हो गया ये नेता: ‘मुस्लिम लीग’ ने रची थी डेमोग्राफी बदलने की साजिश, बोस के खिलाफ थे मौलाना आज़ाद

नेताजी सुभाष बोस ने कॉन्ग्रेस द्वारा सरकार बनाने का समर्थन किया, किन्तु उनका विरोध करने के लिए इस बार सामने थे - मौलाना आज़ाद। बोस को सरदार पटेल का साथ…

बैटल ऑफ भोपाल: जब निजाम-मुगल-नवाब-जय सिंह पर अकेले भारी पड़े मराठा, 70 हजार की फौज को धूल चटाई; 5 लाख रुपए दे निजाम और मुहम्मद खान ने जान बचाई

285 साल पहले हैदराबाद के निजाम के सामने मराठा ऐसी दीवार बनकर खड़े हुए कि इतिहास में शौर्य का एक नया अध्याय जुड़ गया। इसे बैटल ऑफ भोपाल के नाम…

खून, भगवान नरसिंह और जटिल समीकरण… वेदज्ञ गणितज्ञ, जिन्हें स्वयं महालक्ष्मी पढ़ाती थीं गणित: 100 साल में भी बन न पाए जो सवाल, मंदिर के फर्श पर उकेरते थे जवाब

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का कहना था कि उनके सारे गणितीय खोज नमक्कल स्थित थेयर नामगिरी महालक्ष्मी की देन हैं। इससे उनकी प्रतिभा और लगन का महत्व कम नहीं होता।

मुरब्बा-पटाखा के बाद ‘चिकनकारी’ भी हुआ मुगलों का, 2500 साल पुराने अजंता-चन्द्रकेतुगढ़ को भूले: राजा हर्ष भी कढ़ाई की इस कला के थे शौकीन

480 ईसापूर्व के अजंता की गुफाओं में 'चिकनकारी' जैसी कलाकृति है। 2500 साल पुरानी चन्द्रकेतुगढ़ की एक मूर्ति में ये है। राजा हर्षवर्धन इसके शौक़ीन थे। मुगलों को श्रेय क्यों?

‘ब्रेस्ट टैक्स का विरोध करते हुए महिला ने काट डाले थे अपने दोनों स्तन’: CJI ने कहा: जानें केरल की इस कहानी का सच, हिन्दू घृणा फैलाने वालों ने ऐसे रचा प्रोपेगंडा

डीवाई चंद्रचूड़ ने नंगेली की उस कहानी का जिक्र किया जिसके अनुसार, एक दलित महिला ने 'स्तन कर' का विरोध करने के लिए अपने स्तनों को काट दिया। जानें सच।

विभीषण द्वारा स्थापित 1000 स्तंभों वाला श्री रंगनाथस्वामी मंदिर: तुगलक ने 12000 भक्तों का सिर कलम करवा दिया था, रामानुजाचार्य ने यही किया था देह-त्याग

तमिलनाडु में स्थित श्री रंगनाथस्वामी मंदिर वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसे किसने बनवाया था, इसके बारे में ज्ञात नहीं है।

इतने भयभीत थे अंग्रेज कि 2 बार फाँसी पर लटकाया, नहीं जीते तो धोखा और गद्दारी को बनाया हथियार: 1857 में आक्रांताओं को कई बार हराने वाला ‘महाराणा’

महाराणा बख्तावर सिंह की पत्नी रानी दौलत कुँअर भी वीरांगना थीं और उन्होंने अपने पति द्वारा जलाई गई क्रांति की मशाल को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।

त्रिपुरा का उनाकोटी: वो जगह जहाँ 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियाँ, मिल सकता है विश्व हेरिटेज का टैग, कभी था शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र

99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियों वाले त्रिपुरा के उनाकोटी नाम के स्थान को विश्व हेरिटेज में जोड़ने के लिए भारत सरकार कर रही प्रयास।

काशी तमिल संगमम: जीवंत परंपराओं को आत्मसात करने की विशेषता ही भारतीय सांस्कृतिक संपूर्णता का आधार

प्रथम तमिल संगम मदुरै में हुआ था जो पाण्ड्य राजाओं की राजधानी थी और उस समय अगस्त्य, शिव, मुरुगवेल आदि विद्वानों ने इसमें हिस्सा लिया था।