कोरोना से जंग का कर्मयोगी: जमीन पर उतर मोर्चा लेने की CM योगी की ताकत, दूसरी लहर पर UP ने ऐसे पाया काबू
देश देख रहा है कि उपलब्ध सीमित संसाधनों में भी कौन सा मुख्यमंत्री अपने राज्य के लोगों के लिए मेहनत कर रहा और कौन केवल शिकायतें।
देश देख रहा है कि उपलब्ध सीमित संसाधनों में भी कौन सा मुख्यमंत्री अपने राज्य के लोगों के लिए मेहनत कर रहा और कौन केवल शिकायतें।
इस टूलकिट को बनाने वाले और उसके क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी लेने वाले देसी हैं, कॉन्ग्रेस के लिए इससे खुद को अलग कर पाना लगभग असंभव होगा।
भारत बहुत वर्षों से इस नासूर से ग्रस्त है। जहाँ वह कम संख्या में हैं, विक्टिम हैं। बहुसंख्या में आते ही वे शरिया-शरिया चिल्लाते हैं।
बंगाल की राजनीति कौन सी करवट लेगी, यह समय तय करेगा। फिलहाल ममता बनर्जी और उनकी सरकार के लिए रास्ते सीधे नहीं दिखते।
AAP सरकार विज्ञापन के अलावा जिस बात पर सबसे अधिक भरोसा करती है, वह है 'रोवन'। लम्बे समय तक प्रैक्टिस कर इसे अपना दर्शन बना लिया है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जैसे-जैसे तेज होती गई इसके समानांतर एक और लहर भी उफान मारने लगी। यह लहर संक्रमण से भी घातक है।
ऐसा क्या है जिसने कॉन्ग्रेस को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वकालत करने के लिए मजबूर कर दिया है? किस कारण कॉन्ग्रेस और उसके युवराज राहुल गाँधी लगातार मोदी सरकार पर राष्ट्रव्यापी…
आज जो बंगाल में हो रहा, वो बंगाल में पहले वामपंथियों और फिर टीएमसी की शासन में फैलाई गई वैमनस्यता और घृणा की पुरानी राजनीति की परिणति है।
आज जो बंगाल में हो रहा है, वह बंगाल के लिए नया नहीं है। पर बीजेपी के लिए नया है। हिंसा के रास्ते वर्चस्व कायम की राजनीति का अंत कब?
इसी पोलिटिकल करेक्टनेस में मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तानी चैनल पर मोदी सरकार के बारे में कहा कि उन्हें हटाइए, हमें ले आइए।