नया साल आने से पहले मीडिया खबरों में सरकार द्वारा किए नए बदलावों के बारे में चर्चा होनी शुरू हो जाती है। फर्क़ यदि जनता की जेब पर पड़े तो ऐसी खबरों को बढ़ चढ़ कर कवर भी किया जाता है। कुछ ऐसा ही 2-3 दिन पहले हुआ।
अधिकतर हिंदी वेबसाइट्स पर ऐसी खबर प्रकाशित की गई जिसमें दावा था कि नए साल में UPI ट्रांजैक्शन महँगा होने वाला है और यदि थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट की गई तो अतिरिक्त चार्ज लगेगा।
खबरों में दावे की पुष्टि के लिए NPCI के फैसले का हवाला दिया गया और कहा गया कि NPCI ने एक जनवरी से यूपीआई के जरिए पेमेंट के लिए अतिरिक्त चार्ज लगाने का फैसला लिया है।
विभिन्न रिपोर्टों में कहा गया कि एनपीसीआई ने नए साल पर थर्ड पार्टी एप पर 30 फीसदी का कैप लगा दिया है। इसका उद्देश्य भविष्य में किसी भी थर्ड पार्टी ऐप की मोनोपॉली रोकने और साइज के हिसाब से उसे मिलने वाले खास फायदे को रोकने के लिए किया गया है।
आगे खबरों में ये भी कहा गया डिजिटल पेमेंट करने वाले ग्राहकों को फोनपे, गूगलपे, एमेजॉन पे जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स से पेमेंट करने पर एक्सट्रा चार्ज देना होगा। हालाँकि, पेटीएम जैसे ऐप पर एनसीपीआई ने कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगाया है।
https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1336538008149868546?ref_src=twsrc%5Etfwअब मीडिया के इसी दावे को खारिज करते हुए सरकार ने किसी भी यूपीआई ट्रांजैक्शन के चार्ज में हुई बढ़ोतरी से इंकार किया है। पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में स्पष्ट किया है कि NPCI की ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि थर्ड पार्टी एप से ट्रांजैक्शन करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेगा।
https://twitter.com/NPCI_NPCI/status/1336317674582728706?ref_src=twsrc%5Etfwपीआईबी फैक्ट चेक ने अपने ट्विटर पर लिखा, “यह दावे गलत हैं। NPCI की ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।” इसके अलावा NPCI ने भी अपनी ओर से कहा, “NPCI यह स्पष्ट करना चाहता है कि जो खबरें आ रही हैं कि UPI ट्रांजैक्शन पर 1 जनवरी 2021 से अतिरिक्त चार्ज लगेगा, वो पूर्णत: फर्जी है। 5 नवंबर को जारी की गई हमारी प्रेस रिलीज मेें कीमत या चार्ज से जुड़ा कुछ भी नहीं है।”
https://twitter.com/airnewsalerts/status/1336562126656335874?ref_src=twsrc%5Etfw