प्रोपेगेंडा पोर्टल द वायर की एंकर आरफा खानम शेरवानी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर फिर से एक बार फेक न्यूज फैलाई है। आरफा ने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में वोटिंग के दिन दुकानें बंद रहने को लेकर झूठ फैलाया है। आरफा ने कश्मीर के बदलते हालातों को लेकर भी झूठ फैलाने की कोशिश की है।
आरफा खानम शेरवानी ने सोमवार (13 मई, 2024) को एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “श्रीनगर से रिपोर्ट कर रही हूँ, यह अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहला चुनाव है।
शहर में मतदान हो रहा है लेकिन 99% दुकानें बिना किसी औपचारिक आदेश के बंद हैं। 2019 के पिछले चुनाव की तुलना में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। लोग बड़े पैमाने पर अपनी अस्वीकृति जताने करने के लिए बाहर आ रहे हैं।”
आरफा ने अपने इस पोस्ट में दावा किया कि श्रीनगर में लोकसभा चुनावों की वोटिंग के दौरान दुकानों को बिना आदेश के बंद कर दिया गया है। इसके लिए कोई छुट्टी का आदेश नहीं निकाला गया। हालाँकि उनका यह दावा तथ्यों से परे था।
श्रीनगर में सोमवार को दुकानें इस लिए बंद थीं क्योंकि इस दिन सरकार ने छुट्टी घोषित की थी। 1 अप्रैल, 2024 को जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा जारी किए गए एक आदेश में यह स्पष्ट रूप से लिखा हुआ था कि जिस भी दिन जम्मू कश्मीर राज्य में लोकसभा चुनावों के लिए मतदान होगा, उस दिन उस लोकसभा क्षेत्र में छुट्टी रहेगी।
इसी आदेश के तहत, उधमपुर लोकसभा में 19 अप्रैल, जम्मू में 26 अप्रैल, अनंतनाग-राजौरी में 7 मई और श्रीनगर में सोमवार (13 मई, 2024) को छुट्टी घोषित की गई थी। इससे आगे 20 मई को बारामूला में भी छुट्टी घोषित की गई है।
जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है, “बताए गए मतदान के दिनों को किसी भी व्यवसाय, फैक्ट्री या किसी अन्य प्रतिष्ठान में कार्यरत प्रत्येक व्यक्ति के लिए सवैतनिक छुट्टी रहेंगी और वह मतदान करने का हकदार है।” यानी इस आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि इस दिन सभी कामकाजी लोगों के लिए छुट्टी रहेगी।
ऐसे में मतदान के श्रीनगर में दुकानों का बंद होना असामान्य बात नहीं थी और ना ही यह बिना किसी आदेश के किया गया था। मात्र श्रीनगर ही नहीं चुनावों के समय प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में अवकाश घोषित किया जाता है और इस दिन दुकानों सहित सभी निजी और सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं।
ऐसे में फैक्ट चेक में आरफा खान शेरवानी का दावा झूठा साबित हुआ है। उन्होंने श्रीनगर में दुकानों के ना खुलने को लेकर झूठ फैलाया है। श्रीनगर में 28 वर्षों के बाद सबसे अधिक मतदान इस लोकसभा चुनाव में देखा गया है। श्रीनगर लोकसभा के लिए सोमवार को 38% मतदान हुआ है जो कि 1996 के बाद के किसी भी लोकसभा चुनाव से अधिक है।