बबूल पेड़ पर हुए झगड़े को ‘दलित का लिंग काटा’ बता दिया जातीय रंग, जिस पीड़ित परिवार के गाँव छोड़ भागने का दावा वे ऑपइंडिया को घर में ही मिले

बबूल के इसी पेड़ को काटने को लेकर हुआ था झगड़ा

उत्तर प्रदेश के एटा जिले के हसनपुर गाँव में 14 जून 2023 को 2 पड़ोसी परिवारों के बीच एक पेड़ को लेकर विवाद हो गया। इसमें सतेन्द्र नाम के युवक को चोटें आईं थी। इस घटना को कुछ मीडिया संस्थानों और नेताओं ने जातिगत रूप दलित बनाम ठाकुर की लड़ाई बताकर दुष्प्रचारित किया। दावा किया गया कि दलित का लिंग काट दिया गया। मेडिकल रिपोर्ट में लिंग की चोट को ‘साधारण’ बताया गया है। दलित परिवार ने खुद मीडिया और नेताओं पर इस मामले को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है।

क्या है FIR में

16 जून 2023 को एटा जिले के कोतवाली देहात में सतेन्द्र कुमार जाटव की तहरीर पर विक्रम और सत्येंद्र पर FIR दर्ज हुई। पीड़ित के मुताबिक 14 जून को आरोपितों ने उसकी जमीन पर लगे बबूल के पेड़ को काटना शुरू कर दिया। इसका विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई। शिकायत के मुताबिक हमले में कुल्हाड़ी और चाकू का इस्तेमाल किया गया जिससे उसका लिंग आधे से अधिक कट गया। उसने अपनी गर्भवती पत्नी को भी पीटने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने सतेन्द्र कुमार जाटव की शिकायत पर सत्येंद्र सिंह और विक्रम सिंह के खिलाफ IPC की धारा 452, 323, 504 और 506 के साथ SC-ST एक्ट में केस दर्ज कर लिया और मामले की जाँच शुरू कर दी। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।

क्या कहना है पुलिस का

एटा पुलिस ने इस पूरे मामले को पेड़ काटने के चलते 2 पक्षों में गाली-गलौज और विवाद बताया है। पुलिस का यह भी कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट काटे जाने की पुष्टि नहीं हुई है। गाँव से पलायन के दावों को भी पुलिस ने गलत बताया है।

ऑपइंडिया के पास मेडिकल रिपोर्ट मौजूद है। इस रिपोर्ट में निजी अंग पर लगी चोट को ‘साधारण’ श्रेणी का बताया गया है।

वामपंथी मीडिया और जातिवादी नेताओं ने फैलाया भ्रम

इस मामले को भीम आर्मी सहित कुछ मीडिया संस्थानों ने जातिवादी एंगल से तूल देने का प्रयास किया। लिंग काटने से लेकर गाँव से दलितों के पलायन जैसी खबरें प्रचारित की गईं।

मीडिया में प्रकाशित खबरें

एटा शहर से हसनपुर करीब 6 किमी दूर है। एटा से इस गाँव में जाने के रास्ते में एक नहर आती है। इस नहर से सटा है पृथ्वीपुर। इस गाँव में ठाकुरों और दलितों (कठेरिया) की मिश्रित आबादी है। गाँव के बाहर आम तोड़ रहे और गाय चरा रहे कुछ दलित युवक और किशोर ऑपइंडिया को मिले। उन्होंने बताया कि उनके गॉव में सब मिल जुलकर रहते हैं और जातिवाद जैसी कोई बात नहीं है।

गाँव के धर्मस्थल में सब बराबर

पृथ्वीपुर पार करते ही हम दलित पीड़ित सत्येंद्र के गाँव हसनपुर पहुँचे। गाँव की सीमा जहाँ से शुरू होती है, वहाँ सड़क किनारे भगवान महादेव की लगी हुई है। गाँव में घुसते ही सरकारी स्कूल है। स्कूल के सामने भी एक मंदिर है। इस मंदिर के पुजारी राम शंकर ने ऑपइंडिया को बताया कि गाँव में जाति के नाम पर कभी भेदभाव नहीं रहा। सभी लोग एक साथ पूजा-पाठ करते हैं।

हसनपुर गाँव के मुहाने पर शिव मूर्ति और पुजारी राम शंकर

घर पर ही मिला पीड़ित परिवार

कुछ मीडिया संस्थानों ने पीड़ित दलित परिवार के गाँव छोड़कर चले जाने की खबरें प्रकाशित की थी। लेकिन ऑपइंडिया को पीड़ित सत्येंद अपने घर में ही मौजूद मिले। उनके साथ उनकी पत्नी और बच्चे भी थे। हमने गाँव छोड़ने के मीडिया के दावों को लेकर उनसे सवाल किया तो उन्होंने बताया कि वे इलाज के लिए बाहर गए थे।

दो परिवारों का झगड़ा, मीडिया और नेताओं ने दिया जातीय रंग

ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़ित सत्येंद्र जाटव ने बताया कि खुद के बारे में फैलाई जा रही खबरों से वे परेशान हैं। उन्होंने दो परिवारों के झगड़े को दलित बनाम सवर्ण का रंग देने वाली मीडिया और नेताओं को लेकर नाराजगी जताई। कहा, “मेरे गाँव के ही कई ठाकुरों, ब्राह्मणों और यादवों आदि से अच्छे रिश्ते हैं। कुछ ठाकुर मुझे बेटा कहते हैं और मैं उन्हें चाचा।” सत्येंद्र ने अपनी शिकायत में आरोपित किए गए विक्रम और सत्येंद्र को असामाजिक तत्व बताते हुए कहा कि उनसे गाँव के पंडित, ठाकुर और यादव भी परेशान हैं।

ऑपइंडिया की टीम को घर पर ही मिले पीड़ित सत्येंद्र जाटव

सत्येंद्र जाटव की पत्नी पूजा ने ऑपइंडिया को बताया कि मीडिया और कुछ नेता उनके मामले को तूल दे रहे हैं। लेकिन यह जाति का झगड़ा नहीं है। पूजा कहती है, “मुझे तो नेताओं से डर लगता है।”पति-पत्नी ने आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग करते हुए हमें हमें वह पेड़ भी दिखाया जिसके चलते झगड़ा हुआ।

ऑपइंडिया से बात करती सत्येंद्र की पत्नी पूजा

पुलिस पर है भरोसा: पीड़ित परिवार

सत्येंद्र और उसकी पत्नी ने इस मामले में पुलिस कार्रवाई पर संतोष जताया। साथ ही बताया कि उसके चाचा के बेटे भी यूपी पुलिस में काॅन्स्टेबल हैं। रिपोर्टिंग के दौरान हमें भी गाँव में गश्त करते पुलिसकर्मी दिखे।

आरोपित फरार

फ़िलहाल सतेन्द्र सिंह और विक्रम सिंह फरार चल रहे हैं। दोनों फरार आरोपित एक ही परिवार के हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी चल रही है और जल्द ही उन्हें पकड़ा जाएगा। जब ऑपइंडिया की टीम आरोपितों के घर पहुँची तो वहाँ 1 बुजुर्ग और कुछ महिलाएँ दिखीं। 1 दरवाजे पर ताला लटक रहा था।

फरार आरोपितों के घर

VHP ने अफवाहबाजों पर माँगी कार्रवाई

ऑपइंडिया के वीडियो का संज्ञान लेते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने एटा मामले में अफवाह उड़ाने वालों पर कार्रवाई करने की माँग की है। VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एटा में किए गए दुष्प्रचार को हिन्दू समाज की एकता को तोड़ने की साजिश करार दिया है। उन्होंने UP पुलिस को टैग करते हुए मामले की जाँच कर दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की है।

विनोद बंसल ने लिखा है, “सुरक्षित यूपी के संगठित हिंदू समाज में दरार डाल कर वैमनस्य फैलाने वाले कथित मीडिया के उन साँपों को भी अब UP पुलिस को कुचलना होगा जो मनगढ़ंत कहानियाँ बनाकर शासन व समाज को बदनाम करने के षड्यंत्र रच रहे हैं।”

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।