‘मुझे, मेरी बहन, बच्चों और अब्बा को फिर किया नजरबंद’ – उमर अब्दुल्ला ने लगाई गुहार, पुलिस ने खोली पोल

ट्विटर पर 'डर का मॉडल' बनाते पकड़े गए उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो साभार: इंडियन एक्सप्रेस)

रविवार (फरवरी 14, 2021) को पुलवामा में हुए हमले का 2 वर्ष पूरा हो रहा है और कृतज्ञ राष्ट्र उन 40 CRPF के जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है, जो इस आत्मघाती हमले में बलिदान हो गए। आतंकी अक्सर ऐसी घटनाओं के बरसी पर खून बहाने की फिराक में रहते हैं, इसीलिए पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे मौकों पर सतर्क रखा जाता है। इसी बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर नजरबंद किए जाने बड़ा दावा किया है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता ने कहा कि उन्हें उनके ही घर में नजरबंद कर के रखा गया है। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से अगस्त 2019 के बाद के ‘नया जम्मू कश्मीर’ की बात की। इसी तारीख को जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा वापस लेकर अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया था। उससे पहले भी कई अलगाववादियों और कश्मीरी नेताओं को जेल में या नजरबंद कर के रखा गया था।

उमर अब्दुल्लाह ने दावा किया है कि बिना किसी जानकारी और वजह के उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता को भी घर में नजरबंद कर दिया गया है, जो एक सांसद हैं। उन्होंने अपनी बहन और बच्चों तक की नजरबंदी की बात की। साथ ही बाहर खड़ी सशस्त्र बलों की वैन की तस्वीरें भी पोस्ट की। उन्होंने एक दस्तावेज शेयर कर के दावा किया कि इसमें उनके नाम हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया है।

https://twitter.com/PoliceSgr/status/1360817030232875009?ref_src=twsrc%5Etfw

अब आपको बताते हैं कि सच्चाई क्या है। श्रीनगर पुलिस ने साफ़ किया है कि पुलवामा के लेथपोरा में हुए खूँखार आतंकी हमले की आज दूसरी बरसी है, ऐसे में पुलिस ये प्रयास कर रही है कि कोई हिंसा की वारदात न हो। पुलिस ने कहा कि कुछ प्रतिकूल ख़ुफ़िया सूचनाओं के कारण VIPs और सुरक्षा घेरे में रहने वाले लोगों को आवाजाही न करने की सलाह दी गई है। साथ ही ऐसे सभी व्यक्तियों को आज प्लान की गई यात्राओं को भी रोकने के लिए पहले ही सूचित कर दिया गया था।

हालाँकि, उमर अब्दुल्लाह इससे भी संतुष्ट नजर नहीं आए और उन्होंने शक जताया कि ये श्रीनगर पुलिस का ही ट्विटर हैंडल है, क्योंकि उस पर वेरिफाइड वाला ब्लू टिक नहीं था। उन्होंने पूछा कि उन्हें किस कानून के तहत नजरबंद किया गया है? उन्होंने पुलिस को लिखित में ये दिखाने को कहा कि उनके या उनके दफ्तर ने ऐसा कोई आदेश प्राप्त किया है। उनकी पार्टी JKNC ने भी नजरबंदी का आरोप लगाते हुए झूठ फैलाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया