क्या AIMIM प्रमुख ओवैसी को मुरादाबाद के एक ‘हिंदू’ होटल में कमरा देने से मना कर दिया गया था? जानें क्या है सच्चाई: ऑपइंडिया Exclusive

मुरादाबाद के हिंदू होटल में ओवैसी को कमरा न देने की बात

तमाम सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) यूपी के अध्यक्ष शौकत अली को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक होटल के रिसेप्शन पर बहस करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में दावा किया गया है कि एक ‘हिंदू होटल’ ने AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को कमरा देने से मना कर दिया। बता दें कि ओवैसी आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 4 जनवरी, 2022 को एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए मुरादाबाद गए थे।

2.20 मिनट के वीडियो में, AIMIM उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शौकत अली को होटल के रिसेप्शन पर बैठे व्यक्ति के साथ तीखी बहस करते और फिर उसके बाद अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ परिसर से निकलते हुए देखा जा सकता है। गुस्से में नजर आ रहे शौकत अली परिसर से बाहर निकलते समय फोन पर बात करते हैं। थोड़ी देर बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी होटल में घूमते नजर आते हैं। परिसर से बाहर निकलने और अपनी कार में बैठने से पहले कुछ समय के लिए उन्हें रिसेप्शन एरिया में प्रतीक्षा करते देखा जा सकता है।

वीडियो इस दावे के साथ फैलाया जा रहा है कि AIMIM प्रमुख जैसे लोगों को उनके हिंदू विरोधी रुख के कारण उत्तर प्रदेश के ‘हिंदू होटल’ में कमरों से वंचित किया जा रहा है। लखनऊ हिंदी समाचार जैसे कई मीडिया हाउसों ने वीडियो शेयर किया, जिसे बाद में माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया।

लाइव हिंदुस्तान और एबीपी न्यूज ने भी रिपोर्ट किया कि AIMIM के सदस्यों ने मुरादाबाद में Drive-In 24 में कमरा बुक किया था, लेकिन ओवैसी के पहुँचने पर होटल के अधिकारियों ने उन्हें कमरा देने से इनकार कर दिया।

सच क्या है

हिंदुस्तान की रिपोर्ट में होटल मैनेजर विपुल के हवाले से कहा गया है कि गाइडलाइंस के मुताबिक किसी भी राजनीतिक शख्सियत को रूम अलॉट करने से पहले उन्हें परमिशन की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक व्यक्तियों के लिए परमिशन आवश्यक है। जब परमिशन मुझे मिल जाएगी तो मैं रूम देने के लिए तैयार हूँ। किसी व्यक्ति विशेष को लेकर कमरा ना देने जैसी कोई बात नहीं है। हम लोग नियम कानून के तहत ही काम करते हैं।”

ऑपइंडिया ने अरविंद सिंह कठेरिया नाम के एक होटल कर्मचारी से बात की, जिसने दावा किया कि उसने पूरी AIMIM टीम की व्यवस्थाओं की देख-रेख की, जो 4 जनवरी से 6 जनवरी तक होटल में रुकी थी। उन्होंने मीडिया में चल रही खबरों का खंडन किया कि ओवैसी को होटल में कमरा देने से मना कर दिया गया। इसके विपरीत, कठेरिया ने पुष्टि की कि असदुद्दीन ओवैसी को 4 जनवरी को उनके आगमन पर तुरंत एक कमरा आवंटित किया गया था और और 6 जनवरी को चेक आउट करने से पहले होटल के कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया था।

घटनाओं के बारे में बताते हुए कठेरिया ने कहा कि ओवैसी होटल पहुँचे थे और चेक-इन करने के बाद, वह तुरंत एक मीटिंग के लिए निकल गए। उनके साथ आए कुछ लोगों ने देर शाम चेक इन किया। अधिक जानकारी देते हुए होटल के कर्मचारियों ने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार, जब भी कोई वीआईपी गेस्ट आता है, तो LIU टीम को पहले से सूचित किया जाना चाहिए ताकि उनकी सुरक्षा व्यवस्था की जा सके।

उनके अनुसार, यदि किसी राजनीतिक दल का कोई सदस्य किसी होटल में चेक इन करता है, तो जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय की तरफ से एक पत्र एडवांस रूप से जारी किया जाता है। जिसके बाद होटल को अलर्ट किया जाता है और वह टीम के लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था करता है। इस मामले में होटल को जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय से कोई पत्र नहीं मिला था क्योंकि यह उन्हें एआईएमआईएम टीम द्वारा एडवांस में नहीं दिया गया था।

उन्होंने कहा, “हम जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे तभी AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली बौखला गए। उन्होंने माँग की कि उन्हें तुरंत कमरे उपलब्ध कराए जाएँ। हमने उन्हें सिर्फ थोड़ा इंतजार करने के लिए कहा था। जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय से पत्र प्राप्त करने से पहले ही उनका चेक-इन किया गया था। केवल कुछ औपचारिकताएँ बाकी थीं, क्योंकि यह सुरक्षा का मामला है और हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते।”

इसी दौरान AIMIM सदस्यों में से एक ने अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया कि होटल ने उन्हें कमरा देने से मना कर दिया। इसके बाद अफवाहें फैल गई कि AIMIM प्रमुख को धार्मिक भेदभाव पर होटल में एक कमरे से इनकार कर दिया गया था। इसे अरविंद सिंह कठेरिया ने ‘पूरी तरह से झूठा और निराधार’ बताया। उन्होंने कहा कि यह एक छोटा सा मुद्दा था जिसे जरूरत से ज्यादा बढ़ा दिया गया और गलत तरीके से पेश किया गया।

कठेरिया ने कहा, “वह (ओवैसी) हमारी सेवाओं से बहुत खुश थे और आज (6 जनवरी) को चेक आउट करने से पहले होटल के कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया।”

उल्लेखनीय है कि AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सांप्रदायिक रास्ता अपनाया है। वह अपने चुनाव अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर थे। दिलचस्प बात यह है कि ओवैसी ने उत्तर प्रदेश 2022 के राज्य चुनावों के लिए अयोध्या से अपने अभियान की शुरुआत करते हुए दावा किया था कि ‘यूपी के मुसलमान जीतेंगे’ और तब से उन्होंने कई भड़काऊ भाषण दिए, मुसलमानों को एक इस्लामी नेता चुनने के लिए उकसाया और अन्य राजनीतिक पार्टियों के ‘दल्लाओं’ पर भरोसा नहीं करने के लिए कहा।