अनुराग कश्यप ने फिर फैलाया झूठ: नरेंद्र मोदी के शब्दों को बताया हिटलर की पंक्ति, पर्दाफाश

अनुराग कश्यप का प्रोपगेंडा

नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर देश भर में आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। विरोध के नाम पर दंगे भड़काए जा रहे हैं। तरह-तरह से प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में अनुराग कश्यप ने एक बार फिर अपना नया प्रोपगेंडा फैलाने का प्रयास किया है।

दरअसल, रविवार को रामलीला मैदान में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर जान-माल को नुकसान पहुँचा रहे लोगों से कहा था- “मुझसे नफरत करनी है करो, लेकिन भारत से नफरत मत करो।”

हालाँकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ये शब्द परिस्थितियों के अनुसार एकदम सटीक थे। लेकिन अनुराग कश्यप ने इसे जर्मनी, नाजी, हिटलर से जोड़कर अपने ट्विटर पर शेयर किया। साथ ही ये दिखाने का प्रयास किया कि प्रधानमंत्री के शब्द और हिटलर के शब्दों में खासा फर्क नहीं हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री ने ये पंक्ति हिटलर के भाषण से ही ली है।

अपनी बात को साबित करने के लिए अनुराग ने अपने ट्वीट पर हिटलर की एक वीडियो शेयर की। जिसमें लिखे टेक्ट के मुताबिक वो जर्मनी के लोगों से कहता नजर आ रहा है, “मुझे मालूम है मुझे कौन नफरत कर रहा है। तुम चाहते हो तो मुझे नफरत करो, लेकिन जर्मनी से नफरत मत करो।”

अब, ये वीडियो अनुराग कश्यप ने क्यों शेयर की और किस उद्देश्य से शेयर की…ये बिलकुल स्पष्ट था। लेकिन सवाल ये था कि जिस वीडियो को टेक्ट सहित उन्होंने शेयर किया, उसका मतलब जर्मनी में वही है या एक बार फिर प्रोपगेंडा फैलाने का तरीका है।

अब चूँकि भाषण जर्मन में था, इसलिए हमारे लिए उसका मतलब समझना थोड़ा कठिन था। लेकिन जर्मन लेखक मारिया वर्थ के लिए नहीं। जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं और पिछले 3 दशकों से वो भारत में हैं।

https://twitter.com/mariawirth1/status/1208991206551613440?ref_src=twsrc%5Etfw

मारिया ने फौरन अनुराग के इस ट्वीट का जवाब दिया और स्पष्ट किया कि जो अनुवाद वीडियो में टेक्स्ट के माध्यम से दिखाया जा रहा है, वो न केवल बिलकुल गलत है, बल्कि पूरे मुद्दे से बिलकुल अलग है। उन्होंने साफ किया कि इस वीडियो का उन शब्दों से कोई लेना देना नहीं है जिन्हें नरेंद्र मोदी ने रैली में इस्तेमाल किए। बल्कि इसमें तो हिटलर लोगों के बीच जाकर उनकी बार-बार मदद करने की बात कह रहे हैं।

इसके अलावा ऑपइंडिया से बातचीत में भी मारिया ने इस बात की पुष्टि की कि अनुराग कश्यप द्वारा शेयर की गई वीडियो में अनुवाद बिलकुल गलत हैं और उसका उन शब्दों से कोई वास्ता नहीं है जिन्हें प्रधानमंत्री ने कहा।

मारिया से बात करने के बाद ऑपइंडिया ने इसपर थोड़ी रिसर्च की। हालाँकि थोड़ा मुश्किल हुआ कि आखिर ये स्पीच की क्लिप अनुराग ने ली कहाँ से है। लेकिन, काफी कोशिशों के बाद हमें वो वेबसाइट मिली। जिसपर हिटलर की ये स्पीच, तारीख और जगह के साथ मौजूद थी। जहाँ नोट के साथ लिखा था कि हिटलर अपने कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के साथ जर्मनी के बर्लिन में रैली कर रहे हैं।

वेबसाइट पर दावा किया गया कि स्पीच हिटलर ने 5 अक्टूबर 1937 को दी। इसलिए इसके बाद हमने इसका अंग्रजी अनुवाद खोजा और मारिया वर्थ से इसके बारे में पूछा।

1937 में हिटलर द्वारा दी स्पीच का अनुवाद

साथ ही कई अनुवाद भी खोजे। हमने हिटलर की न केवल 1936-37 में दिए गए भाषणों को चेक किया। बल्कि 1922-45 तक के सभी भाषणों को देखा। लेकिन ‘हेट-मी’ शब्द का प्रयोग सिर्फ़ एक बार किया पाया। जाहिर है वो भी बिलकुल अलग संदर्भ में।

आखिरकार स्पष्ट हुआ कि अनुराग कश्यप द्वारा शेयर की गई वीडियो का मतलब वो बिलकुल नहीं था, जो उन्होंने लोगों को बताने की कोशिश की।

खैर ये पहली बार नहीं था, जब अनुराग कश्यप और उनके जैसे लिबरल किस्म के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि को धूमिल करने के लिए ऐसे घटिया प्रयोग किए और उनका पर्दाफाश हुआ। इससे पहले भी कई बार वे कई उदाहरणों के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिटलर से जोड़कर और भारत की वर्तमान स्थिति को जर्मनी के हालातों से जोड़कर दिखाते रहे हैं।

नोट: यह लेख इंग्लिश में किए गए विस्तृत फैक्ट चेक का संक्षिप्त सारांश है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया