अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर 2023 को किया, जिसकी दीवार 6 माह के अंदर गिर गई। इस दावे के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है। कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम इसे मोदी सरकारी की नाकामी बता रहा है, तो कुछ लोग सिर्फ राजनीतिक वैमनस्यता के नाम पर इसे फैला रहे हैं। चूँकि मामला अयोध्या जैसी धार्मिक नगरी से जुड़ा है, ऐसे में अयोध्या के विकास को लेकर तंज कस कर ये लोग लोगों में गुस्सा भी भर रहे हैं। हालाँकि अब साफ हो गया है कि ये दावा न सिर्फ भ्रामक है, बल्कि तथ्यात्मक रूप से गलत भी है।
सचिन गुप्ता नाम के एक्स यूजर ने एक्स पर दावा किया कि अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की 20 मीटर की बाउंड्रीवॉल एक ही बारिश में ढह घई। 30 दिसंबर 2023 को पीएम नरेंद्र मोदी ने इस रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था। अपना पसंदीदा विषय पाते ही मोदी विरोध में कुँठित कथित पूर्व पत्रकार और अब यूट्यूबर अजित अंजुम ने तुरंत इसे मोदी सरकार की विफलता से जोड़ दिया और लिखा, “मोदी राज में ढहता विकास।”
वैसे, ये पोस्ट सचिन गुप्ता ने 12.40 बजे एक्स पर पोस्ट की थी और ठीक उसी समय अजित अंजुम ने भी इसे पोस्ट किया। ऐसे में ये सिर्फ इत्तेफाक ही है, इस बात पर संशय हो सकता है। हालाँकि इस पोस्ट को लेकर उत्तर रेलवे द्वारा जवाब भी आया है, जिसे न तो अजित अंजुम ने आगे बढ़ाना चाहा और न ही अपने द्वारा किया गया पोस्ट ही डिलीट किया।
उत्तरी रेलवे ने इस दीवार के गिरने की पूरी जानकारी देते हुए लिखा, “1-सूचित किया जाता है कि वीडियो में दिखाई गई दीवार मुख्य स्टेशन भवन का हिस्सा नहीं बल्कि रेलवे और निजी भूमि के बीच है। 2. दूसरे छोर से निजी लोगों द्वारा खुदाई कार्य करने और निजी क्षेत्र में जलभराव के कारण यह ढह गई। 3. रेलवे तुरंत कार्रवाई करेगी।”
खास बात ये है कि न्यूज24 जैसा चैनल भी इस झूठ को आगे बढ़ाने में लगा रहा, जबकि पीआईबी तक ने ये बात साफ कर दी है कि ये दावा बिल्कुल गलत है। हालाँकि बाद में न्यूज24 ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया।
क्या है सच्चाई?
अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से जुड़े जिस दीवार के दिसंबर 2023 में बने होने का दावा किया जा रहा है, वो दावा पूरी तरह से गलत है। दीवार पुरानी है और मुख्य रेलवे स्टेशन की संचरना से अलग है। ये दीवार आम रिहाइशी इलाके और रेलवे की भूमि को अलग करने के लिए बहुत पहले से बनी थी। दीवार की दूसरी तरफ की निजी भूमि पर खनन के चलते वहाँ गड्ढा हो गया था और पानी भरने की वजह से पुरानी दीवार गिर गई। इसका अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से कोई लेना देना नहीं है और न ही दीवार दिसंबर 2023 में बनी।
ऐसे में इस वीडियो को गलत तथ्यों के साथ शेयर किया गया है, जिसके पीछे एक खास गैंग, एक खास इकोसिस्टम दिखाई पड़ता है। इस पोस्ट के माध्यम से लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा भरने की कोशिश की जा रही है। गलत सूचना के साथ ऐसा करना कानूनन अपराध भी है।