प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त 2020 को 68वीं बार मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से अपने विचार साझा किए। चूँकि यह पीएमओ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव हुआ था, इसलिए कुछ अफवाहें फैल रही हैं कि पीएमओ ने ‘छात्रों’ के आक्रोश से बचने के लिए जान-बूझकर कमेंट सेक्शन को बंद कर दिया। कहा जा रहा है कि छात्र पीएम मोदी से काफी आक्रोशित हैं, क्योंकि उन्होंने अपने संबोधन में आगामी NEET-JEE पर चर्चा नहीं की।
NEET-JEE परीक्षा का विरोध
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- संयुक्त प्रवेश परीक्षा या NEET-JEE सितंबर के महीने में होगी। कोरोना वायरस महामारी के बहाने इस वर्ष परीक्षा को लेकर देशव्यापी अभियान चल रहा है। दिलचस्प बात यह है कि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आगामी परीक्षाओं खिलाफ रुझानों से भरा हुआ है और पाकिस्तान के NEET उम्मीदवार ‘छात्र’ इसे इस तरह से पेश करना चाह रहे हैं कि भारतीय भी इसमें सक्रिय रूप से शामिल हैं।
विरोध-प्रदर्शन के बीच इस साल NEET-JEE परीक्षा देने वाले 24 लाख छात्रों में से 11.49 लाख छात्रों ने NEET एडमिट कार्ड पहले ही डाउनलोड कर लिए हैं, और 7.6 लाख छात्रों ने अब तक JEE एडमिट कार्ड डाउनलोड किए हैं। लगभग 80 प्रतिशत छात्रों ने पहले ही अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं। ऐसा लगता है कि परीक्षा का बहिष्कार करने का प्रयास बिना सोचे-समझे बात का बतंगड़ बनाने जैसा है।
NEET-JEE के खिलाफ “अंतर्राष्ट्रीय समर्थन”
एक बात जो किसी भी समझदार व्यक्ति को परेशान कर सकती है, वह है स्व-घोषित पर्यावरणविदों, जिनमें ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल हैं, ने परीक्षा के विरोध में “छात्रों” के लिए समर्थन दिखाया है। यह समझना मुश्किल है कि वह किसी भी तरह से परीक्षा से कैसे जुड़ सकती है। बता दें कि वह खुद एक स्कूल ड्रॉपआउट है।
इसके साथ ही, सोनू सूद सहित भारत की कुछ हस्तियाँ छात्रों के समर्थन के लिए आगे आई हैं। परीक्षा के विरोध और छात्रों के समर्थन में लिसिप्रिया कंगुजम नाम की एक बच्ची भी सामने आई है। वह एक 8 वर्ष की बच्ची है, जिसे उसके अभिभावकों द्वारा ‘पर्यावरणविद्’ के रूप में पेश किया जा रहा है।
इस बच्ची के नाम पर ट्विटर हैंडल चलाने वाले उसके अभिभावकों को कई बार झूठ फैलाते हुए पकड़ा गया है। बच्ची NEET-JEE के उम्मीदवारों के लिए 3 पेज का खत भी लिखती है। उसका पूरा टाइमलाइन परीक्षा के खिलाफ ट्वीट से भरा हुआ है। यह विश्वास करना काफी मुश्किल है कि 8 साल की बच्ची इस तरह का प्रोपेगेंडा चलाने के बारे में सोच सकती है।
PMO YouTube चैनल के बारे में दावे
कुछ “प्रमुख” सोशल मीडिया यूजर्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है कि पीएमओ ने मन की बात के नए एपिसोड के बाद जान-बूझकर कमेंट सेक्शन को बंद कर दिया है, क्योंकि NEET-JEE exams को लेकर नकारात्मक टिप्पणियाँ की जा रही थी।
ऑल्ट न्यूज़ कोफ़ाउंडर सहित कई ट्विटर यूजर्स ने ट्वीट करते हुए कहा कि कमेंट सेक्शन इसलिए बंद कर दी गई हैं क्योंकि PMO ‘छात्रों’ की नकारात्मक टिप्पणी नहीं सुनना चाहता है, जो परीक्षा के खिलाफ हैं।
https://twitter.com/Sarrrrrrkaaar/status/1300274066448818176?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/iamnazreimam/status/1300129519718641664?ref_src=twsrc%5Etfwसच क्या है
हालाँकि, जब हमने PMO के यूट्यूब चैनल के वीडियो को स्क्रॉल किया, तो हमें पता चला कि चैनल पर कमेंट सेक्शन हमेशा से बंद था। यहाँ तक कि यूट्यूब लाइव और कॉम्युनिटी टैब के दौरान भी कमेंट सेक्शन बंद ही रहता है।
जनवरी 2020 के पॉलिसी अपडेट के अनुसार, यूट्यूब पर पोस्ट किया गया कोई भी कंटेंट, जिसे “मेड फॉर किड्स” के रूप में चिह्नित किया जाता है, उस पर कमेंट नहीं किया जा सकता। यूट्यूब ने यह बदलाव बच्चों के ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण अधिनियम (COPPA) के अनुपालन के लिए लाया है। यह अधिनियम कंपनियों को 13 साल से कम उम्र के बच्चों से जुड़ी जानकारी को उनके माता-पिता की सहमति के बिना लेने से मना करता है। पीएमओ के यूट्यूब चैनल पर कमेंट सेक्शन बंद करने का एक कारण यह है कि वीडियो “मेड फॉर किड्स” के रूप में चिह्नित है।
https://twitter.com/YouTube/status/1214243728707198979?ref_src=twsrc%5Etfwभारतीय जनता पार्टी का यूट्यूब चैनल, पीएम मोदी का यूट्यूब चैनल और कुछ अन्य चैनल भी मन की बात कार्यक्रम का एपिसोड अपलोड करते हैं। पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल पर मॉडरेशन के लिए टिप्पणियाँ की जाती हैं, भाजपा टिप्पणियों को फ़िल्टर नहीं करती है। मगर ऐसा लगता है कि कुछ ट्विटर यूजर्स ने चुपके से बिना वीडियो का टाइटल दिखाए पीएमओ के चैनल और अन्य चैनलों से वीडियो का स्क्रीनशॉट शेयर कर अफवाहें फैलाने की कोशिश की।
PMO द्वारा अपलोड किए गए अधिकांश वीडियो के टाइटल के अंत में “PMO” लिखा होता है। इससे यूजर्स को पता चलता है कि वे किस चैनल पर वीडियो देख रहे हैं। दूसरी ओर, अन्य चैनल जैसे- बीजेपी आदि टाइटल में इस तरह का कुछ नहीं लिखते हैं।
यह साबित करता है कि NEET-JEE के उम्मीदवारों की नकारात्मक टिप्पणियों से बचने के लिए PMO द्वारा YouTube पर कमेंट सेक्शन बंद करने का दावा फर्जी है।