‘मोदी सरकार ने किया बेरोजगारी भत्ते का ऐलान, हर माह मिलेंगे ₹6000’ : जानें ‘वायरल योजना’ का सच

मोदी सरकार के नाम पर वायरल खबर का सच

केंद्र सरकार देश के गरीब तबके को उभारने के लिए आए दिन कोई न कोई योजना लेकर आती रहती है। इसी बात का फायदा ऑनलाइन स्कैम करने वाले खूब उठाते हैं।

ये धोखेबाज कभी महिलाओं के, कभी बुजुर्गों के, कभी बच्चों के नाम पर मैसेज वायरल करते हैं, जिनमें कई तरह की सुविधाओं का लालच देकर पर्सनल जानकारी माँगी जाती है।

हाल में ऐसा ही एक मैसेज बेरोजगारों के नाम पर वायरल होना शुरू हुआ। इस संदेश में लिखा गया,

“मोदी सरकार का नया फैसला। अब बेरोजगार युवाओं को 6 हजार रुपए हर महीने जीवन यापन के लिए दिए जाएँगे। प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। इस योजना के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को 6000 रुपए हर महीने दिए जाएँगे।”

इस संदेश के साथ एक लिंक दिया गया है जिसमें रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया है।

अब ये वायरल संदेश की हकीकत क्या है इसका खुलास पीआईबी की फैक्ट चेकिंग साइट ने किया है। पीआईबी ने इस संदेश के खिलाफ अलर्ट करते हुए कहा,

“एक वायरल Whatsapp मैसेज में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत सरकार बेरोजगार युवाओं को हर महीने ₹6,000 का भत्ता दे रही है। ये मैसेज फर्जी है। भारत सरकार ऐसी कोई योजना को नहीं चला रही। कृपया ऐसे संदेशों को फॉरवर्ड न करें।”

श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू का दावा

गौरतलब है कि मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर आए दिन फेक न्यूज फैलाने का काम कोई नया नहीं है। पिछले ही महीने एक संदेश वायरल किया गया था जिसमें श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी की घोषणा की बात थी। हालाँकि प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेकिंग साइट ने बताया कि श्मशान सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का दावा भ्रामक था।

पीआईबी ने कहा था कि अंतिम संस्कार, दफनाने, श्मशान या मुर्दाघर सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं किया गया। यह केवल श्मशान से संबंधित होने वाले कामों के कॉन्ट्रैक्ट पर लागू होता है। इसका मतलब है कि श्मशान के निर्माण और रखरखाव से संबंधित सेवाओं पर जीएसटी लागू होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया