Saturday, April 27, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकराजनीति फ़ैक्ट चेकक्या अंतिम संस्कार पर 18% GST वसूल रही मोदी सरकार, जानिए लिबरल गिरोह के...

क्या अंतिम संस्कार पर 18% GST वसूल रही मोदी सरकार, जानिए लिबरल गिरोह के दावों की हकीकत क्या है

47वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद यह घोषणा की गई थी कि सड़कों, पुलों, रेलवे, मेट्रो, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, श्मशान आदि के निर्माण कॉन्ट्रैक्टों पर लागू जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।

भारत सरकार ने बुधवार (20 जुलाई 2022) को स्पष्ट किया कि श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी की घोषणा का दावा करने वाली रिपोर्ट फर्जी है।

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेकिंग साइट ने बताया कि श्मशान सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का दावा भ्रामक है। पीआईबी ने कहा कि अंतिम संस्कार, दफनाने, श्मशान या मुर्दाघर सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं है। यह केवल श्मशान से संबंधित होने वाले कामों के कॉन्ट्रैक्ट पर लागू होता है। इसका मतलब है कि श्मशान के निर्माण और रखरखाव से संबंधित सेवाओं पर जीएसटी लागू होगा।

उल्लेखनीय है कि 47वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद यह घोषणा की गई थी कि सड़कों, पुलों, रेलवे, मेट्रो, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, श्मशान आदि के निर्माण कॉन्ट्रैक्टों पर लागू जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।

कुछ समाचार पोर्टलों और विपक्षी नेताओं ने घोषणा को अपने तरीके से दिखाया और दावा किया कि श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी की घोषणा की गई। newzviewz.com के एडिटर डॉ. धीमंत पुरोहित ने कहा, “श्मशान सेवाओं पर 18% जीएसटी।” पीआईबी ने भी फैक्ट चेक के दौरान उनके इस ट्वीट का हवाला दिया था।

धीमंत पुरोहित के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर शैलेंद्र चौधरी ने लोगों से सवाल किया कि वे श्मशान सेवाओं पर जीएसटी के बारे में क्या सोचते हैं? उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “शमशान पर 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स को आप क्या कहेंगे? आपदा में अवसर, निर्दयी सरकार या दोनों?”

शैलेंद्र चौधरी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

डेक्कन हेराल्ड के पत्रकार रशीद कप्पन ने लिखा, “श्मशान घाट पर 18% जीएसटी। मानो लोग टैक्स देने के लिए मर रहे हैं!”

रशीद कप्पन के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

तेलंगाना टुडे के संपादक श्रीनिवास के रेड्डी ने ग्राउंड ज़ीरो इंडिया को कोट करते हुए कहा, “यहाँ के अस्पतालों में, रोगी जो बच जाता है, वह बेड के लिए भारी GST का भुगतान करता है। मरने वाले मरीज को श्मशान घाट के लिए भारी GST चुकाना पड़ता है। कुछ भी हो, सभी पर मोदी सरकार का बोझ है।” दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने एनडीटीवी की रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें स्पष्ट रूप से “श्मशान के लिए वर्क कॉन्ट्रैक्ट” का उल्लेख किया गया था।

श्रीनिवास के रेड्डी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

चित्तपुर के पूर्व कॉन्ग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने लिखा, “भाजपा सरकार आपको चैन से मरने भी नहीं देगी। श्मशान घाट पर 18% जीएसटी। ना…… ना मरने दूँगा।” उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि यह केवल वर्क कॉन्ट्रैक्ट पर लागू है।

प्रियांक खड़गे के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

श्मशान घाट और अन्य सेवाओं को GST से छूट

GST अधिनियम 2017 की अनुसूची III की धारा 7 (4) के अनुसार, मृतक के परिवहन सहित अंतिम संस्कार, दफन, श्मशान या मुर्दाघर की सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है।

फोटो साभार: वित्त मंत्रालय

इससे पहले, श्मशान घाट के वर्क कॉन्ट्रैक्ट पर केवल 12 प्रतिशत जीएसटी था, जिसे 47वीं जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान गैर-एनडीए / भाजपा शासन वाले राज्यों सहित सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की मंजूरी के साथ बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।

निष्कर्ष: श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने का दावा गलत है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe