जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने इटली के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सोशल मीडिया पर एक दावा हो रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को इटली में टैक्सी में सफर करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। दावे के साथ एक कार की फोटो है जिसपर टैक्सी लिखा है।
कॉन्ग्रेस समर्थक तो इसे शेयर करके लिख रहे हैं, “पीएम को इटली में टैक्सी से चलना पड़ रहा है। जब विपक्षी होकर हमें यह अच्छा नहीं लग रहा तो सोच सकते हैं कि बेचारे भक्त अपने भगवान की विदेश में हो रही इस घनघोर बेइज्जती को कैसे बर्दाश्त कर रहे होंगे।”
अन्य यूजर भी इस तस्वीर को यह कहते हुए आगे बढ़ा रहे हैं कि इटली में प्रधानमंत्री का स्वागत टैक्सी से किया गया है। अब सच्चाई क्या है? क्या वाकई पीएम मोदी के साथ इटली में इतना अपमानजनक व्यवहार हुआ कि उनके विपक्षियों को उनका मजाक उड़ाने का मौका मिल गया? या फिर इस बार भी फेक न्यूज फैलाते हुए प्रोपगेंडा चलाया जा रहा है।
दरअसल, हकीकत में जो तस्वीर शेयर हो रही है उसे समाचार एजेंसी एएनआई ने भी 30 अक्टूबर को शेयर किया था। इस तस्वीर पर उन्होंने सूत्रों के हवाले से लिखा था, “प्रधानमंत्री मोदी की पोप फ्रांसिस के साथ वेटिकन में बहुत खास भेंट हुई। मीटिंग का समय 20 मिनट निर्धारित था लेकिन ये घंटे भर चली। इस दौरान पीएम मोदी और पोप ने तमाम मुद्दों पर चर्चा की जिससे हमारी धरती पर सुधार हो, जैसे मौसम परिवर्तन और गरीबी हटाना आदि।”
अब 30 अक्टूबर को एएनआई द्वारा शेयर की गई इस तस्वीर को और वायरल तस्वीर को मिलाकर देख सकते हैं कि ये वही फोटो है जिसे सोशल मीडिया पर ये कहकर फैलाया जा रहा है कि इटली में पीएम को कार तक नहीं मिली और उन्हें टैक्सी में सफर करना पड़ा। किसी प्रोपगेंडाबाज ने अपना प्रोपगेंडा चलाने के लिए इसे एडिट किया हुआ है और बाकी लोग बस इसे शेयर करके फेक न्यूज को आगे बढ़ा रहे हैं।
असली तस्वीर में देख सकते हैं कि पीएम कार से बाहर आ तो रहे हैं लेकिन उनकी गाड़ी पर कहीं भी टैक्सी नहीं लिखा। इसके अलावा उनके इर्द-गिर्द सुरक्षाकर्मी भी तैनात हैं। वहीं उनके स्वागत में अन्य लोग भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। खुद पोप फ्रांसिस ने भी इस मुलाकात पर कहा था, कि इससे बढ़िया तोहफा भारतीय नेता उनको नहीं दे सकते थे।
बता दें कि पीएम मोदी 29 से 31 अक्टूबर तक रोम, इटली और वेटिकन सिटी दौरे पर थे। उन्हें शुक्रवार को इटली पहुँचने के बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने इटली के प्रधामंत्री मारिया द्राघी से मुलाकात की थी और बाद में कई विश्व नेताओं से भी उनकी मुलाकात हुई थी।