चंद्रयान 2 की लैंडिंग साइट का नाम होगा ‘राजीव गाँधी गड्ढा केंद्र’: नरेन्द्र मोदी

नेहरू की तरह ही राजीव का नाम नहीं पहुँचा पाई थी कॉन्ग्रेस अंतरिक्ष पर (ऑल्ट न्यूज़ द्वारा सत्यापित तस्वीर)

इसरो द्वारा चंद्रयान 2 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर लिया गया है और अब उसका चाँद के लिए सफर जारी है। इसके बाद इसरो (ISRO) के वैज्ञानिक इन्तजार कर रहे हैं इसके चन्द्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने का। इसी बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान 2 के उतरने की जगह (लैंडिंग साइट) का नामकरण कर सकते हैं। इसरो ने बताया है कि उनके पास नामों की एक लिस्ट है जिस पर विचार किया जा रहा है।

शायद आप इस तथ्य को नहीं जानते होंगे कि करीब एक दशक पहले चंद्रयान 1 की लैंडिंग के बाद भारत ने शैकलेटन क्रेटर के पास के एक क्षेत्र को ‘जवाहर पॉइंट’ का नाम दिया था। जाहिर सी बात है, उस वक़्त की सत्तरूढ़ सरकार की हड्डियों में जवाहरलाल नेहरू का नमक जो था।

14 नवंबर 2008 को जब चंद्रयान 1 चंद्रमा पर उतरा था तो उससे पहले इसरो के वैज्ञानिक समेत भारत सरकार के तमाम आला अधिकारियों की बैठक चली कि जिस जगह यान उतरेगा उसका नाम क्या रखा जाए? सोनिया, मनमोहन समेत दिग्विजय और कमलनाथ सरीखे लोगों ने इसरो से महीने भर का समय माँगा। उन्होंने साथ ही इसरो के वैज्ञानिकों से भी कहा कि वो भी नाम सोचें। एक महीने की बैठक के बाद तय हुआ कि उस जगह का नाम ‘जवाहर प्वाइंट’ रखा जाएगा।

अब चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण के बाद इसरो के चेयरमैन ने इस बात की पुष्टि की है कि लैंडिंग साइट को नाम देने पर विचार हो रहा है और यान की सफल लैंडिंग के बाद पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं इस नाम का ऐलान कर सकते हैं।

ऑपइंडिया तीखीमिर्ची सेल के हाथ कुछ कागजात लगे हैं, जिनसे चंद्रयान 2 के लैंडिंग साइट के नाम का खुलासा हो गया है। सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र मोदी जी इस लैंडिंग साइट को ‘राजीव गाँधी गड्ढा केंद्र’ रखने वाले हैं। हालाँकि, इस नाम पर आखिरी मुहर अभी लगनी बाकी है।

दरअसल इस नाम में राजीव गाँधी और कॉन्ग्रेस के अगले संभावित अध्यक्ष राहुल गाँधी जी, दोनों की ही छवि मौजूद है। मोदी जी चाहते थे कि इस नाम में राहुल गाँधी द्वारा देश और भाजपा के लिए किए गए योगदान की झलक रहे इसलिए उनके गालों पर पढ़ने वाले पाताल तोड़ गहरे गड्ढों को अब चाँद पर पहुँचाने का प्रयास किया गया। ऐसा करने से भारत के हर मिशन की सफलता के पहले हकदार और कश्मीर समस्या के जिम्मेदार जवाहरलाल नेहरू जी का भी मान रह जाएगा।

चंद्रयान 2 के चाँद पर उतरने से पहले ही ट्विटर पर रोजाना ‘जवाहरु-हु-अकबर’ के नारे लगाकर पूरा दिन कॉन्सपिरेसी थ्योरी रचने वाले एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी एक्टिविस्ट ने एक एक्सक्लूसिव जानकारी साझा की है। चंद्रयान 2 से पहले ही चाँद पर उत्तर चुके इस एक्टिविस्ट का कहना है कि चंद्रयान पर प्रॉपर्टी डीलिंग का बिजनेस बहुत चोखा चल रहा है।

राष्ट्रवादी सरकार के दौरान सोशल मीडिया पर अस्थमा की शिकायत करने वाले एक्टिविस्ट ने जब देश में बढ़ती असहिष्णुता के डर से चाँद पर एक टुकड़ा जमीन लेने के लिए सम्बंधित व्यक्ति से संपर्क किया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।

दरअसल, अपनी खोजी प्रवृत्ति से इस एक्टिविस्ट ने पता लगाया है कि चाँद पर जमीन का आधे से ज्यादा हिस्सा किसी भूमि-भक्षी रॉबर्ट ठठेरा के नाम पर पहले से ही रजिस्टर्ड है। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह थी कि रॉबर्ट ठठेरा कोई एलियन नहीं बल्कि मनुष्य निकले।

स्टूडियो पर ही चन्द्रमा का वातावरण बनाकर चन्द्रमा से ही लाइव रिपोर्टिंग कर रही ‘खाज तक’ न्यूज़ की एक एंकर से रॉबर्ट ठठेरा ने बात करते हुए कहा कि उसके जीवन का अब एक ही मकसद है और वो है ब्रह्माण्ड पर कब्ज़ा। साथ ही श्री ठठेरा जी ने कहा कि वो इस सम्बन्ध में श्री थानोस जी से बातचीत कर रहे हैं। अपनी महत्वकांक्षी प्रवृत्ति के बारे में बात करते हुए रॉबर्ट ठठेरा ने बताया कि उन्हें यह शक्ति जवाहर लाल नेहरू के आशीर्वाद से प्राप्त हुई है कि वो भूमि के जिस भाग पर भी अपनी नजर दौड़ाते हैं, वो तुरंत उनके नाम हो जाती है।

लेकिन, चन्द्रमा पर जमीन खरीदने की बात सुनते ही रॉबर्ट ठठेरा को गुस्सा आ गया और उसने टीवी एंकर को ‘देख लेने’ की धमकी दे डाली। इसका कारण पूछने पर उन्होंने जवाब दिया कि जिस तरह से कॉन्ग्रेस लगातार हार पर हार झेल रही है, लगता नहीं है कि पृथ्वी पर उनके छुपने लायक कोई जगह बाकी बच जाएगी। यही वजह है कि वो 2024 के बाद अपने सारे परिवार, जिसमें उसका साला, साले की बहन और सासू जी भी शामिल हैं, को लेकर चन्द्रमा पर जाने की तैयारियाँ कर रहा है।

हालाँकि, उनके इस बयान पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आश्वासन दिलाया है कि यदि वाकई में किसीको चाँद पर जमीन लेनी हो, तो वो बीच में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं।

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