गहलोत ने सचिन पायलट को कहा हैंडसम: धरने पर बैठे नाराज साइंटिस्ट सिसोदिया, युवा राहुल का भी छलका दर्द

सचिन पायलट को हैंडसम बताते ही राजस्थान से लेकर दिल्ली तक आया भूचाल

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिन पायलट को हैंडसम बोलते ही राजस्थान की राजनीति में तो कोई ख़ास बदलाव नहीं आया, लेकिन इसके व्यापक परिणामों ने दिल्ली में उथल-पुथल मचा दी है। दरअसल, अशोक गहलोत ने गरमा-गरमी में आज अपने बागी विधायक और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को हैंडसम तो कह दिया लेकिन ऐसा कहकर वो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नाराज कर बैठे।

अशोक गहलोत ने कहा है कि सचिन पायलट हैंडसम हैं, अंग्रेजी बोलते हैं लेकिन अगर वो थोड़ा और रगड़े जाते तो पार्टी में अच्छा कर सकते थे। रगड़े जाने की बात पर पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने स्पष्ट किया कि वह अनुभव की बात कर रहे थे।

गुप्त सूत्रों के अनुसार, अरविन्द केजरीवाल का दायाँ हाथ कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि इस देश में एक समय में सिर्फ एक ही हैंडसम व्यक्ति हो सकता था और वो निर्विवाद रूप से स्वयं मनीष सिसोदिया हैं।

‘साइंटिस्ट’ सिसोदिया उर्फ़ एसएस किसी और राजनेता को हैंडसम कहे जाने से इतने नाराज हुए हैं कि उन्होंने धरने पर बैठने का निश्चय कर लिया है। जब उनसे पूछा गया कि वो धरना कहाँ देंगे तो उन्होंने धरने की जगह अरविन्द केजरीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लिनिक का जिक्र किया।

सिसोदिया ने कहा है कि ऐसा कर के दो काम आसान हो जाएँगे; पहला तो ये कि उन्हें धरना देने के लिए खाली जगह आराम से मिल जाएगी और दूसरा ये कि कोरोना वायरस के दौरान लोग अरविन्द केजरीवाल के दूरदर्शी एवं वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से युक्त मोहल्ला क्लिनिक को भूल ही गए हैं, और धरना के बहाने मोहल्ला क्लिनिक को एक बार फिर मीडिया में आने का कारण मिल जाएगा।

सचिन पायलट को हैंडसम बताने से मनीष सिसोदिया इतने गुस्से में थे कि उन्होंने धरने पर बैठने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से भी इस धरने की रणनीति बनानी जरूरी नहीं समझी। इस पर अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव प्रकरण की भी याद दिलानी चाही, लेकिन साइंटिस्ट सिसोदिया ने एक नहीं सुनी और वहाँ से चलते बने।

राहुल गाँधी ने भी जताई नाराजगी

लेकिन अशोक गहलोत के सचिन पायलट को हैंडसम बताने से सिर्फ आम आदमी पार्टी ही नहीं, बल्कि कॉन्ग्रेस के भीतर चल रहे कलह से अब तक बेखबर पार्टी के भूतपूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी भी नाराज नजर आ रहे हैं।

राहुल गाँधी ने आपत्ति जताई है कि अगर किसी को हैंडसम कहना ही था तो फिर एक बागी के बजाए अशोक गहलोत ने उन्हें क्यों नहीं चुना? राहुल गाँधी ने अपनी आस्तीनें ऊपर सरकाते हुए कठोर सवाल करते हुए कहा – “क्या मैं यहाँ बस मनोरंजन के लिए अपनी… उपस्थिति लगा रहा हूँ।”

राहुल गाँधी के गुस्सा होते ही पूर्वी सूडान की पहाड़ियों में हल्के भूकम्प के झटके भी महसूस किए गए हैं और रिक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता नापने के लिए कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भेज दिया गया है।

राजस्थान की राजनीति में आए भूचाल को सफलतापूर्वक दबाने वाले अशोक गहलोत अब पार्टी युवराज के नाराज होने से कुछ ना कह पाने की स्थिति में चले गए हैं। उनका कहना है कि जिस युवराज की शाबासी का उन्हें इन्तजार था, उनके बयान ने उन्हें ही दुःख पहुँचाया है, जिससे उन्हें बहुत कष्ट हुआ है।

अशोक गहलोत के करीबियों का कहना है कि कॉन्ग्रेस में उनकी स्थिति मजबूत बने रहने के लिए सचिन पायलट के विद्रोह को दबाने से ज्यादा महत्वपूर्ण उनकी जगह राहुल गाँधी को हैंडसम बताना था।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने पार्टी से निकाल दिए जाने के भय से चुपके से यह बात कही है कि राहुल गाँधी ने अशोक गहलोत को अगली प्रेस वार्ता में अपनी भूल को सुधारने का एक अवसर दिया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान में सरकार किसी की भी रहे, कॉन्ग्रेस में बस एक ही हैंडसम नेता होना चाहिए, और वो आप जानते हैं कि कौन है।

हालाँकि, हैंडसम से उपजे इस पूरे विवाद के प्रकरण के बीच शशि थरूर ने सिर्फ इतना कहा कि ‘हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी।’

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