तमिलनाडु के मंदिर से चोरी हुई 500 साल पुरानी भगवान हनुमान की मूर्ति आएगी भारत, बिहार से चोरी हुई भगवान बुद्ध की मूर्ति भी इटली ने लौटाई

500 साल पुरानी भगवान हनुमान की मूर्ति अब लौटेगी देश (फोटो साभार: @kishanreddybjp)

तमिलनाडु (Tamil Nadu) में करीब एक दशक पहले चोरी हुई भगवान हनुमान की मूर्ति मिल गई है। 14वीं-15वीं शताब्दी के विजयनगर साम्राज्य के दौरान की इस प्राचीन मूर्ति को चुराकर तस्करी के जरिए विदेश में बेचा गया था। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी का कहना है कि यह मूर्ति विदेश से जल्द भारत लाई जाएगी। 500 साल पुरानी इस मूर्ति को एक व्यक्ति ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में खोज निकाली है।

केंद्रीय मंत्री ने मूर्ति के बारे में दी जानकारी

केंद्रीय मंत्री ने अपने एक ट्वीट में बुधवार को कहा, “पाँच सौ साल पुरानी भगवान हनुमान की कांस्य प्रतिमा को तमिलनाडु के एक मंदिर से चुरा लिया गया था। इसे अब भारत लाया जाएगा। चुराई गई प्रतिमा को अमेरिकी होमलैंड सेक्युरिटी ने प्राप्त किया। यूएस सीडीए ने अब इसे कैनबरा में भारतीय हाई कमीशन को सौंप दिया है।” रेड्डी ने आगे कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय धरोहरों को वापस लाने का काम चलता रहेगा।

2012 में तमिलनाडु के मंदिर से चोरी हुई थी

ASI के मुताबिक 9 अप्रैल 2012 को इस मूर्ति को अरियालुर जिले के वेल्लूर गाँव में स्थित वर्धराजा पेरूमल मंदिर से चुरा लिया गया। साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया में इसकी करीब 29 लाख रुपए में नीलामी हुई। बाद में जाँच पड़ताल के बाद पता चला कि यह मूर्ति तमिलनाडु के मंदिर से चुराई गई है। सूत्रों का कहना है कि मूर्ति की नीलामी करने वाले ऑक्शन हाउस और इसे खरीदने वाले व्यक्ति को यह पता नहीं था कि यह मूर्ति भारत से चुराकर यहाँ लाई गई है। पिछले सात वर्षों में सरकार ने ऐसे करीब 212 धरोहरों एवं कलाकृतियों को वापस लाने में सफलता पाई है।

इसके अलावा, दशकों पहले बिहार से चोरी हुई भगवान बुद्ध की एक प्रमुख कलाकृति इटली में प्राप्त हुई है। बिहार के देवीस्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हुई भगवान अवलोकितेश्वर पद्मपाणि (बुद्ध) की मूर्ति को मिलान में भारतीय वाणिज्य दूतावास को सौंप दिया गया है। एक महीने के भीतर इसे भारत पहुँचने की भी संभावना है।

कनाडा से वापस लाई गई थी 100 साल पहले चोरी हुई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति

गौरतलब है कि पिछले दिनों तकरीबन 100 साल पहले चोरी हुई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति को कनाडा से वापस लाया गया। ऐसा कहा गया कि मूर्ति को साल 1913 में काशी के एक घाट से चोरी किया गया था। फिर यहाँ से इसे कनाडा ले जाया गया। इसके बाद यह मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना विश्वविद्यालय (Regina University) के संग्रहालय में रखी गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया