महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा चल पड़े: देखें रथयात्रा की मनमोहक तस्वीरें

भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ

सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरी झंडी मिलने के साथ ही जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा शुरू हो गई है और इसकी तस्वीरें सामने आने लगी हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा पर रोक लगा दी थी लेकिन बाद में केंद्र सरकार के प्रयासों के बाद इसके आयोजन का मार्ग प्रशस्त किया जा सका। यहाँ हम आपको आज मंगलवार (जून 23, 2020) को आयोजित हो रही जगन्नाथ पुरी रथयात्रा की भव्य तस्वीरें दिखा रहे हैं।

सबसे पहले जगन्नाथ पुरी की इस तस्वीरों को देखिए, जिसमें रथयात्रा के पहले की तैयारियों के बारे में पता चलता है। इन तस्वीरों में रथ की सजावट से लेकर रस्सियों और रथ को खींचने तक की व्यवस्था कैसे की गई है, इस बारे में दिखाया गया है।

इन्हीं रथों से जाएँगे जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा
रथयात्रा में मजबूत और लम्बे रस्सियों की होती है ज़रूरत
रथों की सजावट देखते ही बन रही
रथ के ऊपर की संरचना
जगन्नाथ पुरी में मौसम भी रथयात्रा के अनुकूल बन कर भगवान जगन्नाथ को प्रणाम कर रहा
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए तैयारी पुख्ता
मंदिर के भीतर जाकर अनुष्ठान की तैयारियों का जायजा लेते ब्राह्मण
रथ में जुते घोड़े

बता दें कि इस बार कोरोना संक्रमण आपदा के कारण पुरी शहर को टोटल लॉकडाउन किया गया है और इसके बाद रथयात्रा को मंदिर के 1172 सेवकों द्वारा गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जा रहा है। हालाँकि, आम लोगों को इस रथयात्रा में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा और वो टीवी पर ही भगवान के दर्शन कर सकते हैं। लेकिन, अनुष्ठान और बाकी शास्त्र सम्मत प्रक्रिया वैसे ही होगी। देखें जगन्नाथ पुरी रथयात्रा की अन्य तस्वीरें:

https://twitter.com/ANI/status/1275260895438884869?ref_src=twsrc%5Etfw

इस बार कोरोना वायरस को देखते हुए पूरी सजगता भी बरती गई है। सभी सेवायतों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, जिसके बाद ही रथयात्रा की प्रक्रिया शुरू हुई है। रथयात्रा की कुछ अन्य भव्य तस्वीरें देखें यहाँ:

https://twitter.com/ANI/status/1275270520565452800?ref_src=twsrc%5Etfw

रथयात्रा से जुड़े लोगों ने कहा था कि जगन्नाथ भगवान की पूजा स्कन्द पुराण और अन्य पवित्र पुस्तकों में वर्णित रीति-रिवाजों के अनुसार होती रही है। 1960 में ओडिशा सरकार ने जगन्नाथ पुरी का प्रबंधन अपने हाथों में लिया था। 1964 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि मंदिर के सारे धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाए। हाईकोर्ट में भी ओडिशा सरकार ने कह दिया कि वो इस साल जगन्नाथ पुरी रथयात्रा के प्रबंधन में सक्षम नहीं है। अंत में रथयात्रा को सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दे दी। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया