रामलला ने धारण किए दिव्य आभूषण, सोना-हीरा-माणिक्य से हैं निर्मित: चाँदी के खिलौने भी, PM मोदी ने शेयर किया अयोध्या का Video

अयोध्या के राम मंदिर में विराजे रामलला और रामोत्व पर दिल्ली के अपने आवास में दीप प्रज्ज्वलित करते पीएम मोदी (फोटो साभार: X/@ShriRamTeerth/@narendramodi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की एक वीडियो साझा की है। उन्होंने इस कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ और भक्तों के भाव को इस वीडियो के माध्यम से दिखाया है। वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला को पहनाए गए आभूषणों के विषय में भी जानकारी साझा की है।

प्रधानमंत्री द्वारा साझा की गई वीडियो में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समय भाव-विभोर श्रद्धालुओं को दिखाया गया है। इनमें रामजन्मभूमि आन्दोलन के प्रमुख चेहरों से एक रहीं साध्वी ऋतम्भरा भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए गर्भ गृह जाते समय की झलकियाँ और उनका श्रमवीरों पर फूल बरसाना भी वीडियो में दिखाया गया है।

वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला को प्राण-प्रतिष्ठा के दिन पहनाए गए आभूषणों, वस्त्रों और खिलौनों के विषय में जानकारी दी है। ट्रस्ट ने इनके निर्माण समेत इनमें उपयोग की हुई धातुओं और रत्नों के विषय में भी बताया है। ट्रस्ट ने एक्स/ट्वीट पर साझा किए गए पोस्ट में कहा है, “अपने महा प्रासाद में भगवान श्री रामलला जी दिव्य आभूषणों और वस्त्रों से सज्ज होकर विराजमान हैं। इन दिव्य आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के उपरान्त किया गया है।”

ट्रस्ट ने बताया है, “भगवान बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के पटुके/ अंगवस्त्रम में सुशोभित हैं। इन वस्त्रों पर शुद्ध सोने की ज़री और तारों से काम किया गया है, जिनमें वैष्णव मंगल चिन्ह- शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं।”

प्राण प्रतिष्ठा के दिन क्या-क्या धारण किया रामलला ने?

ट्रस्ट ने बताया है, “भगवान को पहनाया गया मुकुट या किरीट उत्तर भारतीय परम्परा में सोने से बनाया गया है। इसमें माणिक्य, पन्ना और हीरे भी लगाए गए हैं। मुकुट के ठीक मध्य में भगवान सूर्य अंकित हैं। मुकुट के दाईं ओर मोतियों की लड़ियाँ पिरोई गई हैं।” वहीं रामलला को पहनाए गए कुण्डल भी मुकुट या किरीट के अनुरूप ही और उसी डिजाइन के क्रम में बनाए गए हैं। इसमें मयूर आकृतियाँ बनी हैं और यह भी सोने, हीरे, माणिक्य और पन्ने से सुशोभित है।

भगवान के गले में अर्द्धचन्द्राकार रत्नों से जड़ित कण्ठा सुशोभित है, जिसमें मंगल का विधान रचते पुष्प अर्पित हैं और मध्य में सूर्य देव बने हैं। सोने से बना हुआ यह कण्ठा हीरे, माणिक्य और पन्नों से जड़ा है। कण्ठे के नीचे पन्ने की लड़ियाँ लगाई गई हैं। भगवान के हृदय में कौस्तुभमणि धारण कराया गया है, जिसे एक बड़े माणिक्य और हीरों के अलंकरण से सजाया गया है। इसका सम्बन्ध कौस्तुभमणि से है जो भगवान विष्णु के हृदय में सुशोभित है।

रामलला के नाभिकमल से ऊपर पहनाया गया हार है, जिसका देवता अलंकरण में विशेष महत्त्व है। यह पदिक पाँच लड़ियों वाला हीरे और पन्ने का ऐसा पंचलड़ा है, जिसके नीचे एक बड़ा सा अलंकृत पेण्डेंट लगाया गया है। भगवान पर सुशोभित तीसरा हार सोने से निर्मित है।

ट्रस्ट ने बताया है कि इसमें कहीं-कहीं माणिक्य लगाए गए हैं, जिसे विजय के प्रतीक के रूप में पहनाया जाता है, जिसमें वैष्णव परम्परा के समस्त मंगल-चिन्ह सुदर्शन चक्र, पद्मपुष्प, शंख और मंगल-कलश दर्शाया गया है। इसमें पाँच प्रकार के देवता को प्रिय पुष्पों का भी अलंकरण किया गया है, जो क्रमशः कमल, चम्पा, पारिजात, कुन्द और तुलसी हैं।

भगवान के कमर में करधनी धारण कराई गई है, जिसे रत्नजड़ित बनाया गया है। गौरतलब है कि भारत में छोटे बच्चों को करधनी पहनाई जाती है। सोने से निर्मित इसमें प्राकृतिक सुषमा का अंकन है और हीरे, माणिक्य, मोतियों और पन्ने से यह अलंकृत है।

इसके अतिरिक्त, पवित्रता का बोध कराने वाली छोटी-छोटी पाँच घण्टियों भी इसमें लगाई गई है। भगवान की भुजाओं में सोने और रत्नों से जड़ित मुजबन्ध पहनाए गए हैं। दोनों ही हाथों में रत्नजड़ित सुन्दर कंगन पहनाए गए हैं। बाएँ और दाएँ दोनों हाथों की मुद्रिकाओं में रत्नजड़ित मुद्रिकाएँ सुशोभित हैं, जिनमें से मोतियाँ लटक रही हैं।

भगवान के पैरों में छड़ा और पैजनियाँ पहनाई गई हैं। यह सोने से निर्मित हैं। भगवान के बाएँ हाथ में सोने का धनुष है, जिनमें मोती, माणिक्य और पन्ने की लटकने लगी हैं। इसी तरह दाहिने हाथ में सोने का बाण धारण कराया गया है। यह मूर्ति में ना उकेर कर अलग से लगाई गई है।

भगवान रामलला के गले में रंग-बिरंगे फूलों की आकृतियों वाली वनमाला धारण कराई गई है। इसका निर्माण हस्तशिल्प के लिए समर्पित शिल्पमंजरी संस्था ने किया है। भगवान के माथे पर मंगल तिलक को हीरे और माणिक्य से रचा गया है। भगवान के चरणों के नीचे जो कमल सुसज्जित है, उसके नीचे एक सोने की माला सजाई गई है। भगवान को यहाँ बालरूप में सुशोभित किया गया है, इसलिए उनके आसपास खिलौने भी रखे गए हैं। भगवान के खेलने के लिए चाँदी से निर्मित ऊँट, हाथी, घोड़े और अन्य खिलौने रखे गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया