स्वास्तिक को बैन करने के लिए अमेरिका के मैरीलैंड में बिल पेश: हिन्दू संगठन की आपत्ति, विरोध में चलाया जा रहा कैम्पेन

हिंदू धर्म का प्रतीक और पवित्र स्वास्तिक चिन्ह (फोटो साभार: yourfortune.in)

अमेरिका के एक बड़े हिन्दू संगठन ‘हिन्दू अमेरिका फाउंडेशन (HAF)’ ने हिंदुओं के पवित्र प्रतीक चिन्ह ‘स्वास्तिक’ को बैन किए जाने के विरोध में कैम्पेन चलाया है। संगठन ने अमेरिका के राज्य मैरीलैंड में हाउस ऑफ डेलीगेट्स के एक बिल पर आपत्ति जताई है, जिसमें स्वास्तिक को ‘घृणा’ की निशानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस बिल में कपड़ों, किताबों, स्कूल और ऐसी ही अन्य जगहों पर स्वास्तिक के उपयोग को बैन करने की बात कही जा रही है।

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HAF ने मैरीलैंड के गवर्नर, स्टेट सीनेटर और स्टेट डेलीगेट्स को यह बताया है कि मैरीलैंड का ‘हाउस बिल 0418’ स्वास्तिक की गलत तरीके से व्याख्या करता है। इस बिल में संस्कृत भाषा से उत्पन्न हुए स्वास्तिक चिन्ह को नाजियों के प्रतीक चिन्ह के समतुल्य माना है, जो पूर्णतः गलत है। HAF ने कहा कि स्वास्तिक ‘सु’ और ‘अस्ति’ से मिल कर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘अच्छा होना’।

संगठन ने यह भी बताया कि स्वास्तिक का उपयोग न केवल हिन्दू अपितु बौद्ध और जैन भी अपने घरों, मंदिरों और पवित्र स्थानों में परंपराओं, दैनिक पूजा-पाठ और विशेष धार्मिक अवसरों पर करते हैं। यह दुनिया भर के हिंदुओं के लिए पवित्र और पूज्य है। इसके अलावा स्वास्तिक व्यापार के प्रतिष्ठानों, गहनों और कलाकृतियों में भी समृद्धि के प्रतीक के रूप में उपयोग किया जाता है।

नाजी पार्टी के प्रतीक चिन्ह ‘हुक्ड क्रॉस’ (जर्मनी में, Hakenkreuz) से तुलना करने पर HAF ने मैरीलैंड राज्य के बिल पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि नाजी पार्टी ने हुक्ड क्रॉस को अपने प्रतीक चिन्ह के रूप में 1920 में अपनाया था। उससे स्वास्तिक की तुलना करना पूरी तरह से गलत है क्योंकि नाजियों के हुक्ड क्रॉस से अलग स्वास्तिक शांति, समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक है।

HAF ने यह आशंका जताई है कि हाउस बिल 0418 में स्वास्तिक के घृणा के प्रतीक चिन्ह के रूप में चित्रांकन करने के बाद अमेरिका के अंदर हिंदुओं और उनके बच्चों के प्रति नस्लभेदी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। संगठन का कहना है कि यदि इस बिल से स्वास्तिक की गलत व्याख्या को नहीं हटाया गया तो शिक्षा संस्थानों और अन्य स्थानों पर अमेरिका में रहने वाले और अपनी धार्मिक पहचान को लेकर चलने वाले हजारों हिंदुओं, जैनों और बौद्धों को भेदभाव और यहाँ तक कि ‘हेट क्राइम’ का शिकार भी होना पड़ सकता है।

हिन्दू अमेरिका फाउंडेशन (HAF) ने कहा कि इस बिल के अस्तित्व में आने के बाद अमेरिका में रहने वाले हिन्दू न तो अपने धर्म का स्वतंत्र तरीके से पालन कर पाएँगे और न ही उसे अपनी पीढ़ियों तक पहुँचा पाएंगे। HAF ने बताया कि 2008 में हिन्दू-यहूदी लीडरशिप समिट में इस विषय पर चर्चा की गई थी, जिसके बाद हिंदुओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्वास्तिक के महत्व और उसके सकारात्मक प्रभाव को एकमत से मान्यता मिली थी।

मैरीलैंड राज्य द्वारा हाउस बिल 0418 के माध्यम से स्वास्तिक की गलत व्याख्या करने और उसे बैन करने के विरुद्ध HAF कैम्पेन चला रहा है। संगठन ने लोगों से अपील की है कि वो मैरीलैंड की राज्य विधायिका और गवर्नर होगन से इस बिल का विरोध करने की माँग करें।

हिन्दू अमेरिका फाउंडेशन एक शैक्षणिक और हिंदुओं के हितों की हिमायत करने वाला संगठन है। इसकी स्थापना 2003 में हुई थी। HAF का उद्देश्य है कि हिंदुओं और हिन्दू धर्म की विशेषताओं और परंपराओं के विषय में लोगों को शिक्षा दी जाए और हिन्दू धर्म से जुड़े सभी पहलुओं की उचित व्याख्या की जाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया