केरल में भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में हर दिन करीब एक लाख श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी है, इसकी वजह से काफी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। 18 घंटे तक लाइन में खड़े होने के बाद ही भक्त मंदिर में दर्शन कर पा रहे हैं। इसके कारण कई बार बैरिकेड्स टूटने और भगदड़ मचने की खबर आ चुकी है। 12 साल की एक बच्ची की दर्शन के लिए जाते समय मौत हो गई, तो तमिलनाडु से मंदिर पहुँची एक अन्य श्रद्धालु की पहाड़ की चढ़ाई के दौरान मौत हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, भक्तों को पिछले कुछ हफ्तों से जंगल में कष्ट उठाने पड़ रहे हैं। उन्हें घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार इन क्षेत्र में लोगों के लिए ठहरने के लिए कोई टेंट या किसी प्रकार की छत मौजूद नहीं है।
हालात देखकर ऐसा लगता है कि केरल सरकार की इन भक्तों की कोई परवाह ही नहीं है। पुलिस के जवानों की संख्या की कमी से लेकर श्रद्धालुओं के मंदिर तक पहुँचने और पहाड़ी की चढ़ाई के दौरान उनके विश्राम करने जैसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आती। हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। उधर केरल के वामपंथी मुख्यमंत्री पी विजयन इस समय पूरे राज्य में संपर्क यात्रा निकाल रहे हैं, जिसे ‘नवा केरल सदस’ नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री की संपर्क यात्रा और रैलियों के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती दिख रही है। सबरीमाला में सुरक्षा बलों की कमी की एक वजह यह भी मानी जा रही है।
बता दें कि सबरीमाला में मंडलम-मकरविलक्कू का सीजन चल रहा है। इस साल 17 नवंबर से शुरू हुए इस सीजन में सबरीमाला मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। हर रोज करीब 1.20 लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुँच रहे हैं।
सबरीमाला में अव्यवस्थाओं की लंबी लिस्ट
कुछ दिन पहले ही सबरीमाला से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक बच्चा दिखता है, जो बस की खिड़की से रोता हुआ दिख रहा है, वो अपने पिता से बिछड़ गया था।
इसके अलावा सबरीमाला जाने के लिए जिस जगह से बस पकड़ी जाती है, उस निलक्कल बस स्टेशन से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी दिख रहे हैं। बसों की बेहद कमी हैं और लोगों को घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है।
मंदिर में भगदड़, कई मौतें: 9 दिसंबर 2023 को 12 साल की बच्ची पद्मश्री की मौत हो गई। उसे बचपन से दिल से जुड़ी बीमारी भी थी। वो भीड़ में समूह के साथ ही चल रही थी, तभी कोलैप्स होकर गिर पड़ी। इसके बाद 13 दिसंबर को एक महिला, जो तमिलनाडु से आई थी, वो पारंपरिक रास्ते से मंदिर में प्रवेश के लिए जा रही थी तो गिर गईं। उनकी मौत की जानकारी सामने आने के बाद स्पेशल टीम को भेजना पड़ा, ताकि उनका शव वापस लाया जाए।
इस बीच, सबरीमाला मंदिर में ‘कुप्रबंधन’ को लेकर केरल में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बीजेपी युवा मोर्चा ने भी प्रदर्शन किए हैं, तो सबरीमाला मंदिर में पहुँचे श्रद्धालुओं ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं। वहीं, सरकार का दावा है कि सब कुछ कंट्रोल में है।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव, केरल हाई कोर्ट ने भी लिया संज्ञान
सबरीमाला मंदिर में दर्शन के दौरान यात्रियों को हो रही परेशानियों पर केरल हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। केरल हाई कोर्ट ने स्टेट रोडवेज की बसों को बढ़ाने का निर्देश दिया है, ताकि श्रद्धालुओं की तकलीफों को कम किया जा सके। इसके अलावा हाई कोर्ट ने व्यवस्थाओं को देखने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। हालाँकि हाई कोर्ट को सरकार ने बताया है कि भीड़ की वजह से दिक्कतें नहीं हो रही हैं, बल्कि हालात नियंत्रण में हैं।
देवस्वोम मंत्री के राधाकृष्णन ने कहा कि वास्तव में भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई है और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया गया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा उद्देश्य पथिनेट्टमपदी पर चढ़ना है, जो थोड़ा कठिन है। उन्होंने कहा कि कुछ सीमाएँ भी हैं, क्योंकि वृद्ध व्यक्तियों, दिव्यांगों, महिलाओं, बच्चों आदि को इस पर चढ़ना पड़ता है और इसके लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है। इसी वजह से दर्शन के समय को बढ़ाया गया है। मंदिर का पट अब तीर्थयात्रा सीजन के दौरान हर दिन दोपहर 3 बजे खुलेगा, जिससे तीर्थयात्रियों को 18 घंटे दर्शन का मौका मिलेगा। यह कदम तीर्थयात्रियों, सरकार, बोर्ड और अदालत की सभी भक्तों के लिए सुचारू दर्शन सुनिश्चित करने की माँग के जवाब में उठाया गया है।
वहीं, मुख्यमंत्री पी विजयन इस समय नवा केरल सदस नाम से रैलियाँ कर रहे हैं। 19 नवंबर से शुरू हुआ यह सिलसिला 24 दिसंबर तक चलेगा। उनकी रैलियों में प्रबंधन के लिए भारी संख्या में पुलिस वालों की तैनाती की जा रही है। हालाँकि मुख्यमंत्री पी विजयन ने विपक्ष द्वारा सरकार और त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड पर लगाए जा रहे भीड़ का प्रबंधन करने में विफल होने के आरोपों को खारिज कर दिया है। विजयन ने कहा कि अनियंत्रित भारी भीड़ की वजह से कुछ दुर्घटनाएँ हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। हम मामलों को अत्यधिक सावधानी से सँभाल रहे हैं और स्थिति को काबू करने के लिए सबरीमाला में 16,118 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए अपनाई जाती है ये प्रक्रिया
केरल में 18 पहाड़ियों के बीच बसा 800 साल पुराना सबरीमाला मंदिर भगवान अयप्पा को समर्पित है। ये मंदिर पथानामथिट्टा जिले के रन्नी तालुक के भीतर रन्नी-पेरुनाड गाँव में स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए कुछ नियम और शर्ते हैं, जिनका पालन करना सभी श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य है। सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। पंजीकरण के बाद, श्रद्धालुओं को दर्शन का समय बुक करना होता है। नियमों में श्रद्धालुओं को 41 दिनों का सादगी भरा जीवन जीना होता है। ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।