नेहरू की आँखों में आँसू लाने वाली लता मंगेशकर का ‘भारत रत्न’ क्यों छीनना चाहती थी कॉन्ग्रेस?

लता मंगेशकर को दादासाहब फाल्के से लेकर भारत रत्न तक मिल चुका है

आज स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्मदिन है। 1929 में 28 सितंबर को उनका जन्म हुआ था। इस मौके पर आम से लेकर खास तक उन्हें बधाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया में आमजन उनके गाए गाने शेयर कर रहे। जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें लोग भारत का गर्व बता रहे। लेकिन, एक ऐसा वाकया भी है जो कॉन्ग्रेस कभी याद नहीं करना चाहेगी। पार्टी ने उन्हें दिए गए ‘भारत रत्न’ अवॉर्ड छीनने की माँग की थी।

हम सब को पता है कि किस तरह लता मंगेशकर से देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तक प्रभावित थे। वो जनवरी 27, 1963 का दिन था। जगह था दिल्ली का नेशनल स्टेडियम (मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम)। तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन भी वहाँ पर मौजूद थे। हालाँकि, लता ने पहले परफॉर्म करने से मना कर दिया था लेकिन कवि प्रदीप के कहने पर उन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। लता मंगेशकर ने जब ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना शुरू किया, तब नेहरू की आँखों में आँसू आ गए। नेहरू ने कहा कि जो इस गाने से प्रभावित और प्रेरित नहीं हो, उसे हिंदुस्तानी कहलाने का कोई हक़ नहीं है।

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लता मंगेशकर को 1969 में इंदिरा गाँधी की सरकार ने पद्म भूषण से नवाजा। उन्हें 1989 में दादासाहब फाल्के अवॉर्ड देने की घोषणा की गई। हालाँकि, यह अवॉर्ड उन्हें 1990 में मिला। फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण और भारत रत्न से नवाजा। सार यह कि कॉन्ग्रेस और भाजपा, दोनों की ही सरकारों के दौरान उन्हें अवॉर्ड्स मिले और नेहरू ने उनकी प्रशंसा भी की थी। इन सबके बावजूद 2013 में एक ऐसा लम्हा आया, जब कॉन्ग्रेस नेताओं ने लता मंगेशकर को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

लता मंगेशकर ने बस अपने विचार जाहिर किए थे। उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। जनार्दन चांदुरकर उस समय मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने तत्काल केंद्र सरकार से माँग कर दी कि लता मंगेशकर को दिया गया ‘भारत रत्न’ अवॉर्ड छीन लेना चाहिए। लता मंगेशकर ने कहा था कि सभी की इच्छा है कि नरेंद्र मोदी पीएम बनें और वह ईश्वर से इसके लिए प्रार्थना करती हैं। उन्होंने दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल के उद्घाटन के मौके पर ऐसा कहा था। उस समय मोदी भी वहाँ पर मौजूद थे।

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मुंबई कॉन्ग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष ने न सिर्फ़ लता मंगेशकर बल्कि उन सभी लोगों को दिए गए सरकारी मेडल्स और अवॉर्ड्स छीन लेने की बात कही थी, जो मोदी की प्रशंसा करते हैं या उनके साथ मंच साझा करते हैं। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात भी कही थी। उस समय मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केंद्र में यूपीए की सरकार थी और सोनिया गाँधी कॉन्ग्रेस की सर्वेसर्वा थीं। जनार्दन ने बाद में सफ़ाई देते हुए कहा था कि उन्होंने लता के लिए ये बात नहीं कही थी बल्कि समाज के ऐसे लोगों के लिए कही है, जो सरकार से अवॉर्ड लेकर सांप्रदायिक ताक़तों का समर्थन करते हैं।

अनुपम कुमार सिंह: चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.