‘फिल्म फ्लॉप होती है तो खुद को कमरे में बंद कर के फूट-फूट कर रोता हूँ’: आमिर खान ने कहा – ‘रिलीज से पहले उड़ जाती है नींद-भूख’

फिल्म फ्लॉप होने पर फूट-फूट कर रोते हैं आमिर खान (फाइल फोटो साभार: YRF)

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि जब उनकी फ़िल्में फ्लॉप हो जाती हैं तब वो खुद को कमरे में बंद कर के बहुत रोते हैं। आगे उन्होंने कहा कि हिट फिल्मों से भी उनकी आँखों में आँसू आ जाते हैं लेकिन वो आँसू ख़ुशी के होते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बड़ी जल्दी रोने लगता हूँ। उन्होंने बताया कि वो रामगोपाल वर्मा द्वारा अपने खिलाफ दिए गए पहले के कुछ बयानों से खुश नहीं हैं।

आमिर खान ने ये भी बताया कि फिल्म दिल की शूटिंग के दौरान वो सेट पर ही रोने लगे थे। ऐसा इसलिए हुआ था क्योकि वो ठीक से डांस नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा कि वो खुद से ही निराश और नाराज हो रहे थे जब सरोज खान उनके पास आ कर उन्हें डांस स्टेप दुबारा समझा रही थीं। उस समय मैं भी सबके आगे अपने आँसुओं को नहीं रोक पाया था। खान ने कहा कि जब उनकी फिल्म रिलीज होने वाली होती है तब वो बेहद तनाव में होते हैं। 3 से 4 हफ्ते तो उन्हें ठीक से भूख भी नहीं लगती।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा द्वारा रंगीला फिल्म में आमिर खान को अच्छा कलाकार न बताने के सवाल पर भी आमिर खान ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, ‘मैं उसके बाद उनसे (रामगोपाल) नहीं मिला। यहाँ तक कि अगर मैं उनसे अब कभी मिला तो मैं उन्हें अनदेखा कर दूँगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं पाखंडी नहीं हूँ। अपने बयानों से उन्होंने मुझे यह जानने का मौक़ा दे दिया कि वो किस तरह के इंसान हैं। निश्चित रूप से वो अपने बयानों के लिए स्वतंत्र हैं। पर मैं भी उसी तरह से स्वतंत्र हूँ।

रामगोपाल के बयान में आमिर खान को क्या बुरा लगा इसे उन्होंने आगे बताया। उन्होंने कहा कि, “मैं हैरान हूँ कि जब फिल्म रंगीला की शूटिंग चल रही थी तब उन्हें मुझ से ठीक उसी तरह कोई शिकायत नहीं थी जैसे कि मुझे उनसे नहीं।” रंगीला फिल्म रिलीज होने के 3 दिन बाद रामू ने सन एन सैंड में एक पार्टी रखी थी। उस समय उनकी आँखों में आँसू थे। उन्होंने मुझसे कहा कि’ ‘मैंने आपसे बहुत कुछ सीखा।”

आमिर खान ने आगे कहा, “तब मीडिया ने मेरे बारे में इस बात का प्रचार किया था कि मैं उस डायरेक्टर के काम में हस्तक्षेप करता हूँ जिसके साथ मैं काम करता हूँ। जबकि मैं सिर्फ सलाह भर देता हूँ। अंतिम निर्णय डायरेक्टर स्वयं लेते हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया