‘कुत्ता सलमान रुश्दी’ को ‘उड़ती कुरान’ ने जला डाला: पाकिस्तानी फिल्म International Gorillay की कहानी, इस्लाम के दुश्मन का अंजाम

'कुत्ता सलमान रुश्दी' को पाकिस्तान बहुत पहले मार चुका... फिल्मी कहानी में!

इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध कुछ बोलने-लिखने वालों के खिलाफ फतवे और ‘सर तन से जुदा’ के नारों का सिलसिला अभी का नहीं बल्कि वर्षों पुराना है। सलमान रुश्दी को चाकू से मारने की घटना नई है। वो सोच-विचार जिसके तहत चाकू मारी गई है, वो नई नहीं है। इसी सोच के साथ पाकिस्तान में फिल्म भी बन चुकी है। नाम है इंटरनेशनल गोरिल्ले (International Gorillay).

पाकिस्तानी फिल्म इंटरनेशनल गोरिल्ले में कुरान और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ किताब लिखने वाले सलमान रुश्दी को उनके किए की सजा देने का काल्पनिक चित्रण दिखाया गया है। उस समय का तो पता नहीं लेकिन काल्पनिक चित्रण भी इस फिल्म में ऐसा कि आपको देख कर हँसी छूट जाएगी।

आपको बताते चलें कि तब के समय फिल्म इंटरनेशनल गोरिल्ले (International Gorillay) पाकिस्तान की सबसे सफल फिल्मों में से एक साबित हुई थी। फिल्म में बाबरा शरीफ, नीली और जावेद शेखी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान और इस्लाम के खिलाफ साजिश रचने वालों को ये सब पात्र ही मिल कर उनके अंजाम तक पहुँचाते हैं। फिल्म की कहानी में जबरदस्त इस्लाम प्रेम ठूँसा हुआ है। तब ब्रिटेन में इस फिल्म को बैन भी किया गया था।

इस फिल्म के माध्यम से पूरी दुनिया को ‘इस्लाम की ताकत’ दिखाने कोशिश की गई है। फिल्म के मुख्य किरदारों को भी देशभक्त और महानायक की तरह पेश किया गया है। फिल्म में विलेन के रूप में सलमान रुश्दी को ही काल्पनिक ढंग से दिखाया गया है।

फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है जिसमें सलमान रुश्दी का मकसद होता है कि वह पूरी दुनिया से इस्लाम का सम्पूर्ण विनाश कर दे। इसके लिए वह अपनी एक फौज भी तैयार करता है और पाकिस्तान में बैठे अपने एक एजेंट को खूब सारा पैसा भी भेजता है।

इंटरनेशनल गोरिल्ले (International Gorillay) की कहानी

इंटरनेशनल गोरिल्ले फिल्म के शुरुआती कुछ मिनटों में ही सलमान रुश्दी की लिखी किताब के विरुद्ध एक जुलूस निकलता है। लेकिन उस जुलूस पर पुलिस द्वारा फायरिंग करवा दी जाती है और कई लोगों की मौत हो जाती है। इसके साथ ही फिल्म की कहानी आगे बढ़ने लगती है। पूरी फिल्म में सलमान रुश्दी को कुत्ता बोला जाता है।

यह फिल्म हीरो और उसके दो भाइयों के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। दोनों भाई शुरू में अलग-अलग विचारों में रहते हैं। मगर अंत में सब एक हो जाते हैं और ‘इस्लाम के दुश्मन’ को मारने के मिशन पर निकल पड़ते हैं।

फिल्म का क्लाइमेक्स इतना विचित्र है कि उसे समझना कुछ लोगों के बस का नहीं। दरअसल अंत में फिल्म के सभी नायकों की हत्या के लिए उन्हें रस्सियों से बाँध दिया जाता है। तभी वे लोग अल्लाह को समर्पित एक गाना गाते हैं। फिर क्या था… अचानक आसमान से बिजलियाँ गिरने लगती हैं… सब की रस्सियाँ खोल देती हैं।

क्लाइमेक्स अभी बाकी है… मजे से पढ़ते जाइए। इसके बाद आसमान से किताब उतरती है और फिल्म के खलनायक को ये उड़ती हुई किताब (कुरान) जलाकर भस्म कर देती है। वहाँ खड़े कलाकार तब उसे याद दिलाते हैं कि उसे इस्लाम के खिलाफ बोलने की सजा मिल रही है।

द सेटेनिक वर्सेज़ किताब के कारण बनी फिल्म

गौरतलब है कि यह फिल्म वास्तव में सलमान रुश्दी की एक किताब के कारण बनाई गई थी। उस किताब का नाम ‘द सेटेनिक वर्सेज़’ है। सलमान ने इस किताब का प्रकाशन सितंबर 1988 में किया। ‘द सैटेनिक वर्सेज़’ के प्रकाशन ने इस्लामी दुनिया में तत्काल विवाद को जन्म दिया और इसका कारण बना पैगंबर मोहम्मद का अपमानजनक समझा जाने वाला चित्रण। क़िताब की कौन सी बात इस्लाम को मानने वालों को बुरी लगी, ऑपइंडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है क्योंकि यह किताब भारत में कॉन्ग्रेसी सरकार ने प्रतिबंधित कर दी थी।

द सेटेनिक वर्सेज़ किताब के प्रकशन के बाद 14 फ़रवरी 1989 को सलमान रुश्दी को मारने के फतवे जारी किए गए। इसके बाद ईरान और ब्रिटेन के बीच राजनीतिक स्तर पर भी विवाद हुआ। वहीं किताब पर मचा बवाल अभी तक खत्म नहीं हुआ है। हाल ही में सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हुए जानलेवा हमले पर भी कुछ कट्टरपंथियों ने जश्न मनाया और उनके मरने की दुआएँ भी माँगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया